कवि सम्मेलन में देर रात तक रसिक श्रोताओं ने सुने काव्य पाठ

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर/रंभापुर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट-
रंभापुर में राम मंदिर के कलश व ध्वजारोहण के पावन प्रसंग पर चल रहे। श्रीराम कथा महोत्सव के तहत शुक्रवार रात कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य शैलेष दुबे, विधायक कलसिंह भाबर, जनपद उपाध्यक्ष नरवरसिंह हाडा, रोटरी क्लब अध्यक्ष मांगीलाल नायक, भरत मिस्त्री एवं रंभापुर के समस्त श्रद्धालुगण एवं आसपास के क्षेत्र की उपस्थिति में 6 घंटे तक कवि सम्मेलन का आनन्द लेते रहे। शारदे वंदना आगरा से आई सलोनी राणा ने प्रस्तुत की। सलोनी ने अपने गीत गजलों से श्रोताओं को खूब लुभाया ‘तेरे दिल के किसी कोने में रा नाम लिख लेना ने श्रोताओं ने जीभर सुना और अपने गांव के ओजस्वी कवि निसार रंभापुरी ने लबाना समाज की संगठन शक्ति को कविता में बांधा एवं वही कौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए कहा कि में भी रंभापुर में ही पैदा हुआ हूं एवं में इस माटी को नमन करता हूं और इनकी कविता हिंदू-मुस्लिम चलो एकता को बांट लो, नफरत तो की, चीखे मिलकर बांट लो, जिसकी बातों से खंडित हो वतन मेरा सौगंध तुम्हें राम की कसम हमें कुरान की उसकी जुबान काट लो। निसार ने वंदे मातरम् व कश्मीर का दर्द पर भी वाहवाही लूटी।
तो वहीं सीनों में है कुरआन अभी जिंदा हैं, जिनके मजबूत हैं इमान अभी जिंदा हैं जो बगावत नहीं करते वतन से अपने, मुल्क में ऐसे मुसलमान अभी जिन्दा हैं कविता पढक़र फिरोज सागर ने माहौल का भक्ति मय बना दिया। फिरोज सागर की पैरोडी मैं भारत बोल रहा हूं, बताऊं क्या कहां पर हूं, दिलों में था जुबां पर हूं, न उतरा में ख्यालों में मैं जिंदा हूं रिसालों में, बहुत रोया हंसी देकर तराजू बैठा हूं लेकर मैं सबको तोल रहा हूं, मैं भारत बोल रहा हूं और एक पैरोडी महंगाई मार गई इनकी देश भक्ति गीतों से श्रोता एवं बाहर से पधारे राज नेता भी इसको सुनकर भाव विभोर हो गए। महेश्वर के नरेंद्र अटल ने कहा कि वीर रस कविता में वीर शिवा राणा की जवानी याद आती है लक्ष्मी बाई वाली रानी की कहानी याद आती है वही उन्होंने शहीद का दर्द इन पंक्तियों में भी बताया जिसे सुन सारे पंडाल ने उनकी शहादत को नमन किया उनकी दूसरी कविता बह गई बरसात ठंड में अडाई सरहद पर तब तिरंगे का गाना बड़ा है सरहद पर मां की अंतिम सांस चल रही है लेकिन देश के लिए फिर भी सीना तान खड़ा है सरहद पर नरेंद्र नखेत्री ने मालवीं हास्य में छनिकाओ से खूब गुदगुदाया। उन्होंने कहा कि श्री राज राजेंद्र, नखीत्री की बस में में 5 यात्री फ्री पर श्रोता झूम उठे। इनके बाद रोहित झन्नात इनडोर ने अपनी कविता में हास्य मिमिक्री पर गुदगुदाया हिमांशु भावसार झाबुआ ने बोला में शरीर दुबला है तो क्या हुआ में देश के लिए मर मिटने को भी तैयार हूं पर शहीद तब होऊंगा जब तक में आतंकवादी को मार गिराओ व जगदीश ब्रजवासी ने जो की तुलसी का क्यारा समीप मेघनगर का रहने वाला जगदीश ने कविता पाठ करते हुए काव्य रसिकों के बीच अमिट छाप छोड़ी। अंत में पण्डित अशोक नागर ने राजनीति में मुलायम एमाया राहुल बड़े बड़े नेताओं को मोदीजी एवं केजरीवाल के बारे में अपनी कविता से लोटपोट कर दिया। कवि सम्मेलन में कौमी एकता का अद्भूत नजारा दिखा जहां उर्स कमेटी अब्दुल कादिर एवं उनकी कमेटी रंभापुर द्वारा समस्त श्रोताओं को चाय वितरित की। कवि सम्मेलन का सफल संचालन देवास के कुलदीप रंगीला ने किया कवि सम्मेलन सुनने के लिए मेघनगर, झाबुआ, राणापुर, पिटोल, दाहोद, टांडा एवं रंभापुर के आसपास के क्षेत्र से हजारों श्रोता पहुंचे।