एमपी ऑनलाइन पर मुख्यमंत्री रोजगार योजना के नहीं भरे जा रहे ऑनलाइन आवेदन

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 एमपी ऑनलाइन की दुकाने।
एमपी ऑनलाइन की दुकाने।

झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
शहर की एमपी ऑनलाइन की दुकाने अब कमाई की दुकाने हो गई है। इनके संचालक मनमाने तरीके से छात्रों ओर लोगों का ठगते है, जबकि सरकार द्वारा इन दुकानों को इस लिये खोला गया है जिससे शासकिय आनॅ लाईन कार्य आसानी से हो जाये। पर ऐसा हो नही पा रहा है। ऑनलाइन की दुकान खोल कर बैठे इन दुकानदारों को अब अधिक रूपये कमाने की लालच लग गई है। ऑनलाइन से अब यह केवल वहीं कार्य करते है जिसमें इनकी मोटी कमाई हो। मतलब की परीक्षा फार्म, वेकेंसी के लिए आवेदन, एडमिशन फार्म, बीएड-डीएड या किसी कालेज में एडमिशन दिलवाना आदि ऐसे ही कार्य करते है जिसमें इनकी मोटी कमाई हो। न तो इनके यहां बिजली के बिल भरे जाते है न ही सरकार की ऐसी कोई योजना जो ऑनलाइन की जा सके पर इसमें इनका कम मुनाफा हो। कुल मिलाकर सरकार ने जिस उदेश्य से इन आन लाईन दुकानदारों का बिठाया था वह पुरी तरह से विफल होता नजर आ रहा है। इन ऑनलाइन दुकानों पर सुबह से शाम तक स्कूल कॉलेज के छात्रों की लम्बी लाईन लगी रहती है। जल्दी कार्य केवल उनका होता है जो इनकी जेब में ज्यादा रूपये डालता है। बाकियों की तो सुबह से शाम हो जाती है लेकिन काम नही होता। एमपी ऑनलाइन वाले इन संचालकों के पास आमजन को उल्लू बनाने के हजारो तरीके है। कोई बिजली का बिल भरने जाता है तो उसे यह कहकर भगा दिया जाता है कि हमारे खाते में राशि नहीं है, जबकि वाहां मौजुद ऐसे छात्रों के आवदेन भर लिये जाते है जिनसे यह मोठी रकम ऐंठते है।
मुख्यमंत्री रोजगार योजना के आवेदन भी नहीं किए जा रहे ऑनलाइन
हाल ही में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री रोजगार योजना के आवेदन आनलाईन भरने का आदेश जारी किया है ओर एमपी ऑनलाइन चला रहे संचलको को इसके आवेदन लेने को कहा गया है। लेकिन श्हार के एमपी आन लाईन चला रहे संचालक मुख्यमंत्री रोजगार योजना के आवेदन लेने को तैयार ही नही है। शहर में करीबन 5 से 6 एमपी ऑनलाइन वाले है। पर इनमें से एक भी मुख्यमंत्री रोजगार योजना का आवेदन ऑनलाइन नही कर रहा है। जिसके कारण बेरोजगार मुख्यमंत्री की इस योजना में लाभ नही ले पा रहे है। एमपी ऑनलाइन के संचालक अपनी ऑनलाइन की दुकाने केवल उन्ही से चला रहे है जिनसे इन्हे अधिक फायदा हो रहा है। गांधी चौक क्षेत्र में तहसील के सामने नवकार ऑनलाइन वाले ने तो सारी हदे पार कर रखी है। यहां सुबह से लेकर शाम तक छात्रों की लम्बी लाइन लगी रहती है। काम केवल उन्ही का किया जाता है जिनसे अधिक फायदा हो। नवकार ऑनलाइन पर बेरोजगार निलेश सोनी जब मुख्यमंत्री रोजगार के तहत ऑनलाइन आवेदन जमा करने पंहुचा तो यहां के संचालक ने साफ मना कर दिया। साथ ही यह भी कह दिया कि यहां इस प्रकार का कोई कार्य नही किया जाता है। ऐसे कई बेरोजगार है जो मुख्यमंत्री रोजगार योजना का लाभ लेना चाहते है लेकिन लालची एमपी ऑनलाइन वालों के कारण इन्हे इधर उधर भडकना पड़ रहा है। एक परेशान बेरोजगार ने तो नवकार एमपी आन लाईन वाले की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर भी कर दी है।
कैसे होगा मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना पूरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि देश को डिजिटल इंडिया बनाया जाए, जिसके लिये मोदी द्वारा सारे कार्य ऑनलाइन करवाने का निर्णय लिया जा चुका है। जिसकी कई योजनाओ से शुरूवात भी हो चुकी है। लेकिन लगता है कि इस सपने को ऐसे लालची ऑनलाइन की दुकाने चलाने वाले कभी पुरा नही होने देंगे। अगर मोदी को अपने सपने को सकार करना है तो लालची लोगो से आन लाईन की दुकाने छिनकर उन लोगों को देनी होगी जो आमजन की समस्या को समझ सके।