सरकार के एक फैसले से 45 हजार से ज्यादा जिंदगी पांच महीने से खतरे में

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गोपाल राठौर की रिपोर्ट: सरकार दावा करती है कि प्रदेश के हर नागरिक को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। सरकार का यह दावा नया नहीं है लेकिन झाबुआ आजतक सरकार के इन दावों की पोल खोलते जा रहा है और अपनी इस स्पेशल रिपोर्ट में हम बता रहे है कि कैसे 45 हजार से ज्यादा लोग बीमार पड़ने पर ‘भगवान भरोसे’ रहते हैं।

हम बात कर रहे है अलीराजपुर जिले के कठ्ठीवाडा तहसील की। सरकार ने एलान किया था कि हर तहसील मुख्यालय पर 108 एम्बुलेंस सेवा दी जाएगी। इसी के तहत कठ्ठीवाडा तहसील में भी यह सुविधा दी गई, लेकिन पिछले पांच महीने से इस आदिवासी अंचल से यह सुविधा छीन ली गई है। बगैर कोई कारण बताए यहां से 108 एम्बुलेंस सेवा को बंद कर दिया गया।

108
ग्रामीण अंचलों में दुर्घटना होने या आकस्मिक बीमारी पर पीडित को तुरंत उपचार मिल सके इसलिए रेडक्रास की मदद से हर तहसील मुख्यालय पर 108 एम्बुलेंस को तैनात किया गया। अब इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।

चौंकाने वाली बात यह है कि विगत दो वर्ष से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीजों के लिए एम्बुलेंस भी नहीं है जिससे कई मुसीबतों का सामना करना पडता हैं। जनपद के अांकड़ों के अनुसार कठिवाडा थाने के तहत कुल 66 गाँव आते है। इन गांवों में परिवार की 8460 है जबकि कुल आबादी 45655 है। ऐसे में इन सभी को बीमार पड़ने या दुर्घटना होने पर इलाज का इंतजाम खुद करना पड़ता है और एम्बुलेंस नहीं होने पर कई बार इसकी वजह से जान पर भी बन आती है।