पूजा-अर्चना व आरती कर माता को दी विदाई

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अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से आशीष अगाल की रिपोर्ट- अंचल में गणगौर पर्व के समापन सोमवार को हुआ। नगर के राजवाड़ा परिसर पर श्रद्धालु माता के रथ लेकर पहुँचे। जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। पूजा-अर्चना व आरती के बाद माता को विदाई दी गई, वहीं मन्नत वाले परिवार माता के रथों को चरण पखार कर घर लाए। राजवाड़ा परिसर में रात्री को दशा वैष्णव पोरवाड़ समाज, माली समाज, माहेश्वरी समाज, हरिजन समाज व अन्य समाज के लोग पहुंचे जिन्होंने रथों की परिक्रमा कर झालरिए दिए। रात्री में राजवाड़ा परिसर में भारी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरूषों की भीड़ उमडऩे की वजह से यहां कुछ देर तक भक्तों को पैर रखने तक का स्थान नही मिल पाई।
राजा के द्वारा दिया जाता था इनाम
माहेश्वरी समाज के महाराज पप्पु रमेश ओझा ने बताया कि नगर के सभी समाज के गणगोर माता को राजवाड़ा परिसर में राजा के समय से लाया जाता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में राजा द्वारा सभी समाज की एकत्रित हुई गणगोर मेंसे सबसे सुंदर सजाकर लाने वाले समाजजन को पुरस्कृत किया जाता था। तबसे ही सभी समाजजन विसर्जन के समय इस राजवाड़ा परिसर में एकत्रित होते है। और उसके बाद माता के ज्वारो को विसर्जन करने के लिए ले जाए जाते है।
गणगौर माता को झालरिए दिए

गणगोर माता को झालरे देती माहेश्वरी समाज की महिलाएं।
गणगोर माता को झालरे देती माहेश्वरी समाज की महिलाएं।

रवीवार को माता की बाडिय़ाँ खुलने के बाद श्रद्धालु मातारूपी ज्वारों को आकर्षक रूप से सजे रथों में विराजित कर घर ले गए। यथाशक्ति जोड़ों (दंपतियों) को भोजन कराने के बाद शाम को महिलाओं ने गणगौर गीतों के साथ रथों की परिक्रमा कर झालरिए दिए। सोमवार सुबह माता को स्नान कराने के साथ भोग लगाया गया। शाम को क्षेत्र के रथों को राजवाड़ा परिसर पर रखकर परिक्रमा करते हुए झालरिए दिए गए। इसके पूर्व माहेश्वरी समाज की महिलाओं ने स्थानीय नीमचौक में नृसिंह मंदिर प्रागंण पर गीत गाकर गणगौर माता को झालरिए दिए एवं माता के ज्वारे को विसर्जन किया गया। श्रद्धालुओं ने रथों को रखने वाले के पैर पखारे।
माली समाज के नवयुवको ने रोका रथ
सोमवार रात्री को धूमधाम से माताजी का चल समारोह निकाला गया। जिसमें माली समाज के बड़ी संख्या में लोग एकत्रित थे। समाजजन सर पर गणगोर माता को लेकर चल समारोह में चल रहे थे। वहीं आगे-आगे श्रद्धालु द्वारा माता को लोट लगाकर आर्शिवाद ले रहे थे। इस दौरान प्रसादी का वितरण भी किया गया। इसके बाद माली समाज के लोग राजवाड़ा परिसर पहुंचे। समाज के स्वामिनारायण माली ने बताया कि समाज के नवयुवको के द्वारा माता के रथों को रोका गया और खेडे पर से माता रानी को वापस ले गए जिस वजह से सोमवार रात्री को ज्वारो का विसर्जन नही हो पाया अब ज्वारो का विसर्जन मंगलवार रात्री को किया जाएगा।

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