रंग पंचमी तक क्षेत्र में घूमेंगे राई बुधलिया 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

होलिका दहन के पूर्व सात दिनों तक भगोरिया की मस्ती में आदिवासी समुदाय झूमता नजर आया उसके बाद होलिका दहन उपरांत 5 दिनों तक आदिवासी ग्रामीण अपनी मान्यता पूर्ण करने हेतु ढोल मादल की धुन पर राई बुधलिया का स्वांग रख कर गोट मांगते हैं।

         हमारे आम्बुआ संवाददाता को आम्बुआ निवासी तकसिंह रावत (आदिवासी) ने बताया कि ग्रामीणों में वर्षों से राई बुधलिया बन कर गोट मांगने की परंपरा है जिसमें दो पुरुषों में से एक महिला जिसे राई कहते हैं तथा दूसरा पुरुष बुधलिया का स्वांग बनाते हैं तथा ढोल मादल पर नाचते हुए घर-घर जाकर गोट मांगते हैं यह क्रम रंग पंचमी तक चलता है रंग पंचमी को सारा श्रृंगार का सामान का विसर्जन किया जाता है तथा एकत्र गोट (नगदी) का उपयोग जितने सदस्य टोली में रहते हैं सभी मिलकर करते हैं अभी प्रतिदिन ऐसी टोलियां सड़क किनारे वाहनों को रोककर तथा घरों में घूम कर गोट मांग रहे हैं।