माहे रमजान: “आज” से शुरू होगी “ऐतकाफ” की “इबादत” …

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सलमान शेख। झाबुआ Live…
इबादतों और बरकतों का महीना रमजान अब अपनी मंजिल के दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है। इसे दूसरा अशरा (दस दिन का) कहते हैं। यह अशरा मगफिरत यानी छुटकारे और मुक्ति का है। अल्लाह से गुनाहों की माफी, बख्शीश और निजात मिलती है। आज रविवार को रमजान माह के 20 रोजे पूरे हो जाएंगे। मगरीब की नमाज के साथ ही तीसरा अशरा शुरू हो जाएगा। शहर केईमाम अब्दुल खालिकसाहब ने बताया तीसरा अशरा मगफिरत यानी दोजख की आग से निजात पाने का है। इस तरह लयलतुलकद्र की रात में खुदा की इबादत करना हजार महीने की इबादत केसमान है। समाजजन अब मसजिद में रहकर ऐतकाफ की इबादत में लग जाएंगे। एतेकाफ मेंं रमजान के 10 दिनों तक मस्जिद में रहकर इबादत की जाती हैं।
हर वर्ष युवा बढ़-चढक़र ले रहे हिस्सा:
रमजान में हर जगह बड़े-बुजुर्ग ही एतेकाफ की इबादत करते है लेकिन शहर में पिछले 4-5 वर्षो से नोजवान युवा भी एतेकाफ की इबादत कर रहे है। दीन केलिए युवाओ का रूझान बढऩा तारीफे काबील है। इस वर्ष भी शहर की पंपावती नदी किनारे स्थित मस्जिद में कई युवा एतेकाफ की इबादत में लगेंगे।
ईद के लिए सज गए बाजार:
20 रोजे पूरे होने के साथ ही ईद के लिए बाजार सज गए हैं। बाजार में सूखे मेवे की दुकानें सज गई हैं। मस्जिदो में देर रात तक रमजान की रौनक दिखाई दे रही है। समाजजन भी ईद की तैयारियों में जुट गए है। ईद के आने की खुशी का उत्साह बड़ो के साथ बच्चो में ही नजर आ रहा है।
शबे कद्र रहेगी अहम:
रमजान के 26वें दिन 1 जुन को बड़ा रोजा रहेगा। यह दिन सभी के लिए अहम रहेगा। इस दिन को शबे कद्र का दिन कहा जाता हे। इस दिन तरावीह के दौरान पढ़ा जा रहे कुरान की तिलावत पूरी होगी। शबे कद्र की रात समाजजन मसजिदों और घरों में रात जागकर इबादत करेंगे। इस दौरान विशेष नमाजें और दुआएं की जाएगी।