दंभ और अहंकार से जीवन में कुछ हासिल नहीं होता : पंडित नरेंद्र दवे

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हरीश राठौड़, पेटलावद
तेरे द्वारा खड़ा भगवान -भगत भर दे रे झोली के भजन के साथ वामन अवतार की कथा का वर्णन सुनाते हुए पं. नरेंद्र नंदन दवे ने कहा कि दंभ और अहंकार से जीवन में कुछ हासिल नहीं होता है और यह भी कि धन संपदा क्षणभंगुर होती है। हरि जिस पर कृपा करें, वही सबल है. उन्ही की कृपा से देवताओं ने अमृत पान किया। उन्ही की कृपा से असुरों पर युद्ध में वे विजयी हुए जिसके बाद असुरों में राजा बलि हुए जिन्होंने अश्व मेघ यज्ञ किया जिसमें भगवान विष्णु के पांचवे अवतार वामन अवतार ने ब्राम्हण रूप में पहुंचकर तीन पग भूमि दान में मांगी तो राजा बलि ने देना स्वीकार किया। राजा बलि जान चुके थे कि भगवान द्वार पर है किंतु द्वार पर आए किसी भी ब्राम्हण को खाली नहीं जाने दे सकते। इस प्रकार कथा के माध्यम से पं. दवे ने वामन अवतार कथा व उसके महत्व पर प्रकाश डाला। नगर के उदय गार्डन में अधिक मास के उपलक्ष्य में आयोजित कथा के 5वें दिन वामन अवतार की कथा व अन्य प्रसंगों के माध्यम से भक्तों को कीर्तन भजन का आनंद दिया गया।
8 भागवत एक साथ-
नगर में चल रहे इस धार्मिक आयोजन का अनूठा पहलू यह है कि इस आयोजन में एक भागवत कथा का तो श्रवण श्रद्वालु कर ही रहे है किंतु इसके साथ 7 अन्य ब्राम्हणों के द्वारा भागवत का मूल पारायण किया जा रहा है। इस प्रकार एक पांडाल के नीचे ही 8 भागवत एक साथ चल रही है जिसे भागवताचार्य पं. नरेंद्र नंदन दवे, आचार्य पं.पंकज दवे, पारायण में पं. भास्कर भट्ट, वेंकट त्रिवेदी, कृष्णकांत शुक्ला,आशुतोष दवे, नितेश दवे, श्रवण दवे और घनश्याम उपाध्याय पाठन कर रहे है। इस अनूठे आयोजन के सूत्रधार सीमा परेश भाई ध्रफाणी परिवार सहित नगर के लोग सफल बनाने में लगे हुए है।