नगर में घर विराजमान होंगे श्रीगणेश

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मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट
इस साल गणेश उत्सव 13 से 23 सितंबर तक मनाया जाएगा। गणपति प्रतिमा की स्थापना भाद्रपद चतुर्थी 12 सितंबर शाम 4.07 से 13 सितंबर दोपहर 2.57 तक की जाएगी। मान्यता है कि गणेश जी का जन्म मध्य काल दोपहर में हुआ था। इसलिए उनकी स्थापना इसी काल में ही होनी चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गणेश स्थापना के समय ग्रहों, नक्षत्रों और योगों का महासंयोग स्थापित हो रहा है। गणेश चतुर्थी पर रिद्धि सिद्धि योग, रवि योग, सूर्य, बुध का आदित्य योग एवं तुला राशि में गुरु.चंद्रमा के एक साथ होने से महासंयोग बन रहा है। महासंयोग के साथ स्वाति नक्षत्र और स्थिर योग भी रहेगा। इस योग से बाजारों में व्यापार की बढ़ोतरी होगी। 13 सितंबर को गुरुवार होने से गणेश जी की कृपा के साथ भक्तों को गुरु कृपा का भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा धन संपदा, ज्ञान, बुद्धि इस दुर्लभ महासंयोग में भक्तों को मिलेगी। स्थापना में गोकुल गु्रप द्वारा प्रसिद्व गुजराती गायक अर्जुन आर मेड़ा द्वारा विशेष प्रस्तुतियां, सम्सत गु्रप के द्वारा झांकियां, अखाडे, गायन, एंव गणेश मंदिर द्वारा भव्य चल समारोह।
यहां पर विराजीत होगी नगर की प्रमुख गणेश प्रतिमाएं
दशहरा मैदान, बस स्टैंड, आजाद चौक, पुलिस थाना, अस्पताल चौराहा, रंभापुर रोड, गणेश मंदिर, शंकर मंदिर, गोकुल ग्रुप, फ्रेंड्स गु्रप साथ ही नगर के घर घर में विराजित होंगे। श्री गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त 11.08 बजे से गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11.08 बजे से रहेगा। उसके बाद दोपहर के 1.34 बजे तक गणपति की स्थापना की जा सकती है। पूजन विधि: स्थापना के पश्चात गणेशजी को सिंदूर और चांदी का वर्क लगाएं। इसके बाद जनेऊ, लालपुष्प दुब, मोदक, नारियल आदि सामग्री भगवान को अर्पित करें।