प्रधान आरक्षक के हत्यारों को आजीवन कारावास कर्तव्य पद पर चलते हुए लुटेरो से भिड़ने में हो गए थे शहीद

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सुनील खेड़े, जोबट

लगभग 13 माह पूर्व बोरी थाने में पदस्थ प्र.आ. अरविंद सेन जोबट-बोरी मार्ग पर 7 लुटेरे एक ट्रैक्टर चालक को लूट रहे थे तो वो अकेले ही जा भिड़े थे किंतु उन्हें किस्मत से मौत नसीब हुई। किंतु जिस साहस और जस्बे से उन्होंने सामना किया था उनकी सहादत पर पूरा छेत्र गमगीन हो उठा था, अतः 13 माह बाद 6 आरोपियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा के साथ अर्थ दंड से भी दंडित करने की सुनवाई की वही एक अन्य नाबालिग आरोपी पर पृथक से सुनवाई की जायेगी, इस फैसले से पूरे छेत्र ने न्यायालय के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
6 दिसम्बर 2017 को बोरी थाने में पदस्थ प्र.आ. अरविंद सेन को सूचना मिली कि कुछ लुटेरे राहगीरों के साथ लुट पाट कर रहे है सूचना मिलते ही घटना स्थल की ओर चल दिये और जाते ही देखा की 7 लुटेरे एक ट्रेक्टर चालक के साथ लूट पाट कर रहे है तो अकेले ही सभी से जा भिड़े किन्तु सभी सातो ने घेर कर इन्हें मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा 13 माह बाद लगातार साक्ष के आधार पर आरोपियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई।
घटना पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी –
पुलिस अधीक्षक विपुल श्री वास्तव ने जिसदिन अलीराजपुर में पदभार ग्रहण किया उसी दिन यह घटना घटित हो गई थी जिससे पूरा पुलिस प्रशासन भी सदमे में था मामले मे जोबट न्यायालय के अपरसत्र न्यायाधीश एम.आर.सिलम की न्यायालय में आरोपीगण कमलेश पिता रणसिंग ,नाहर सिंह पिता जुवानसिंह , धनु पिता नानका, कांदी (दिनेश) पिता बिसन निवासी देकाकुण्ड व दिनेश पिता रायसिंग, राकेश पिता सुरसिंग निवासी सोलिया को धारा 395 के तहत 10 वर्षो का कठोर कारावास तथा धारा 396 में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया, प्रत्येक आरोपी को धारा 395 में 4-4 हजार ओर धारा 396 में 5-5 हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित करने का फैसला लिया, आरोपियों को दोनों धारा की सजा अलग-अलग भुगतना पड़ेगी। सम्पूर्ण प्रकरण विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी महेश रघुवंशी ने की तथा अभियोजन की ओर से पैरवी उप संचालक राजीव गरवाल द्वारा की गई।

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