नगर परिषद की टीम पहुंची तो इलाके में हड़कंप मच गया, अमले को देख कई के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगीं

- Advertisement -

जितेंद्र वर्मा, जोबट

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. मोहन यादव ने सड़क किनारे लगने वाली मांस-मछली की दुकानों को हटाने के आदेश जारी कर दिए थे, जिसका असर शुक्रवार को अलीराजपुर जिले की बड़ी तहसील जोबट में देखने मिला। यहां जोबट नगर परिषद प्रभारी सीएमओ संतोष राठौड़ अपने दल बल वे पुलिस बल सहित मांस -मटन मछली की दुकान हटाने पहुंचे हालांकि इसके लिए कोई भी दुकानदार राजी नहीं दिखा।

अलीराजपुर जिले के जोबट नगर में नगर परिषद द्वारा जारी लाइसेंस के अलावा अवैध रूप से 100 मी के अंदर संचालित मांसाहारी भोजनालय नगर में संचालित मास, मटन और मछली की दुकानें को हटाने की मुहिम शुक्रवार को चलाई गई। नगर परिषद जोबट अब बिना लाइसेंस वाली ऐसी दुकानों को भी हटाने की तैयारी कर रहा है साथ ही लाइसेंसधारी दुकानों पर भी खुले में मास –मटन बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित करने जा रहा है। बता दें कि, शहर में लंबे समय से उठ रही इस मांग के बाद निगम ने धार्मिक स्थल चर्च गिरजाघर से 100 मीटर के अंदर बने वेधशाला मार्ग वह वार्ड 12 तिलक मार्ग मछली मार्केट इलाके से इस कार्रवाई को शुरु किया है।

 

ताबड़तोड़ अपनी दुकान का सामान हटाया तो कोई दुकान खाली करने के लिए दौड़ा

शुक्रवार को चर्च गिरजाघर के सामने लगभग 100 मीटर के अंदर बने वेधशाला वाली गली में जेसीबी के साथ हथौड़े लिए जैसे ही नगर परिषद की टीम पहुंची तो इलाके में हड़कंप मच गया अमले को देख कई के चेहरों पर हवाइयां उड़ने लगीं किसी ने ताबड़तोड़ अपनी दुकान का सामान हटाया तो कोई दुकान खाली करने के लिए दौड़ा। कुछ ने अपने वालों को फोन लगाया कि भिया जल्दी आ जाओ अतिक्रमण रोधी दस्ता आ गया है। देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में भीड़ जमा हो गई जैसे ही अधिकारियों ने चिह्नित स्थानों को तोड़ने की अनुमति दी, क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कुछ व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध किया वही 100 मीट के अंदर चल रही मांसाहारी भोजनालय की दुकान संचालित करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करते हुए उनके द्वारा दुकान के बाहर तक किए अतिक्रमण को हटाया।

जोबट नगर परिषद पर लगाए गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने के लिए जब नगर परिषद की टीम जेसीबी ट्रैक्टर दलबल के साथ वेधशाला मे पहुंची तो कई आरोपों का सामना करना पड़ा। सूत्रों के अनुसार से बताया जाता है कि वेधशाला मे दुकानदारों के दो गुट है प्रथम गुट के द्वारा नगर परिषद जोबट पर आरोप लगाते हुए कहा के नगर परिषद ने हमें दुकान 51 हजार रुपए में आवंटित की है जिसकी तीन किस्त रखी है पहली किस्त 21हजार की जिसे हमने जमा कर दिया है वे दो किस्त15-15 हजार रुपए की बाकी है जो जमा करना है। 21 हजार रुपए जमा करने के बाद नगर परिषद के द्वारा हमें हमारी जगह पर दुकान लगाने की अनुमति दी है वही दूसरी दो किस्त जमा करने के बाद दुकान निर्माण कर हमें दी जाएगी दूसरा पक्ष की ओर से जावेद कुरेशी ने आरोप लगाया कि नगर परिषद जोबट के कई कर्मचारी की मिली भगत से अपने चाहते दुकानदारों को दुकान दी है जब के नियम यह कहता है कि शासन की योजना से वधशाला मे दुकानों का निर्माण हो रहा है जिसे विज्ञप्ति जारी कर नीलामी करना चाहिए जिससे नगर परिषद की राजकोष बढ़ेगी लेकिन नगर परिषद के कर्मचारियों ने अपने चाहते व्यापारियों से साठं – गटकर दुकान दी है जब के इन दुकानों की नीलामी होना चाहिए जब दोनों पक्ष ने नगर परिषद पर आरोप लगाया तो नगर परिषद को बिना कार्रवाई किए अपने दलबल जेसीबी ट्रैक्टर के साथ पीछे हटना पड़ा ।

क्या कहा प्रभारी सीएमओ ने

वही इन आरोप के आधार पर जब प्रभारी सीएमओ संतोष राठौड़ से चर्चा की तो उनके द्वारा पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया की मैंने अभी पदभार ग्रहण किया है मैं इस मामले को दिखाता हूं।