शनिदेव मंदिर में महाआरती एवं भंडारी प्रसादी का हुआ आयोजन

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झाबुआ। स्थानीय सिद्धेश्वर काॅलोनी स्थित शनिदेव मंदिर में मंदिर का 17वां स्थापना महा महोत्सव शनिवार को आस्था एवं श्रद्धा के साथ तथा धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मंदिर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम नवग्रह शनि मंदिर समिति राठौर समाज द्वारा किए। प्रातः काल से ही मंदिर मे दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। शनिदेव को तेल, काली उडद सहित पुष्पमालाएं एवं पूजन सामग्री अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा।

मंदिर के वार्षिकोत्सव के अवसर पर बेण्ड बाजों के साथ महा आरती के आयोजन में नगर के हर समाज के लोगों ने भाग लेकर धर्मलाभ प्राप्त किया। मंदिर के पाटोत्सव के  दोैरान प्रातःकाल 6 बजे मंदिर में विराजित भगवान शनिदेवजी का महाभिषेक पण्डित राधेश्याम जोशी के द्वारा जजमानों से करवाया गया इसके पश्चात् 9 बजे से महायज्ञ प्रारंभ हुआ जिसमें मंत्रोच्चार के साथ मुख्य यजमान रमेशचन्द्र राठौर, महेशचन्द्र राठौर, सागरमल राठौर एवं ललीत राठौर ने पण्डित द्विजेंन्द्रव्यास, जनार्दन शुक्ला, जैमिनी शुक्ला, एवं पण्डित राधेश्याम जोशी के मार्गदर्शन में आहूतियां अर्पित की तथा विधिविधान से यज्ञ की पूर्णाहूति सम्पन्न हुई।

महायज्ञ की पूर्णाहूति दोपहर 12 बजे सम्पन्न हुई। महामंगल आरती के समय सैकडो की संख्या में लोगों ने भगवान शनिदेव को मत्था टेका एवं आरती एवं प्रसादी प्राप्त की। इस अवसर पर विधायक शांतिलाल बिलवाल एवं नगरपालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया विषेषरूप से उपस्थित थे । इस दौरान मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम भी विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुआ। महाआरती पश्चात् दोपहर 12.15 से शाम 4 बजे तक महाप्रसादी (भंडारे) का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भंडारा प्रसादी प्राप्त की।

पूरे मंदिर परिसर में राठौर समाज के द्वारा माकुल इन्तजाम किये गये तथा हर व्यक्ति का भंडारा प्रसादी प्राप्त ऐसी व्यवस्था की गई। बेंड बाजों की धुन पर भजनों की प्रस्तुति से पूरा वातावरण धर्ममय हो गया।

उज्जैन के कलाकारों ने पुष्प सज्जा से पूरे मंदिर परिसर को बनाया आकर्षक:

स्थापना दिवस समारोह को लेकर मंदिर में समिति मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा से जगमग किया गया । वहीं मंदिर में पुष्प सज्जा के लिए उज्जैन से आये कलाकारों ने क्विंटलों फुलमालाओं एवं फुलों से मंदिर का आकर्षक श्रृंगार किया।, समिति के सरंक्षक रणछोड़लाल राठौर, रमेषचन्द्र राठौर, सागरमल राठौर, मगनलाल राठौर, बद्रीलाल राठौर, शंकरलाल राठौर, किर्तिश राठौर, मोहन राठौर आदि ने मंदिर के पाटोत्सव के कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुकरणीय योगदान दिया।