न्यायाधीश मालवीय बंदियों को दी नसीहत क्रोध को काबू में रख अपराध से रहे दूर

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झाबुआ। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देश तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एसके कुलकर्णी के मार्गदर्शन में शनिवार को दोपहर 12 बजे जिला जेल में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के प्रारंभ में बंदियों को जानकारी देते हुए साक्षरता दल के सदस्य भंडारी ने बताया कि यह शिविर यहां आज इसलिए आयोजित किया गया है कि आप इसके माध्यम से नि:शुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सके, अपने अधिकारों को जान सके, अपनी समस्याओं माननीय न्यायाधीश के समक्ष रख सके।
क्रोध के कारण होते है अपराध
न्यायाधीश मालवीय ने बताया कि हम अक्सर क्रोध में आकर अपराध कर बैठते है। क्रोध में समय यह ज्ञान नहीं होता है कि हम क्या कर रहे है, इसलिए क्रोध को नियंत्रित करने के प्रयास करे, जब क्रोध आए तो लंबी सांस ले और क्रोध के कारण भूलाने का प्रयास करे, जिससे हम कुछ ही देर में पुन: सामान्य हो जाएंगे। उन्होंने उपस्थित बंदियों से उनके नियुक्त अधिवक्ताओं के बारे में जानकारी पूछी तथा बताया कि जिसके अधिवक्ता नहीं है, वह ऐसी स्थिति में विधिक प्राधिकरण के माध्यम से अधिवक्ता की नि:शुल्क सेवाएं प्राप्त कर सकते है।
बंदियों ने बताई अपनी समस्या
इस दौरान कई बंदियों ने अपनी समस्या मालवीय को बताई कि उन्हें झूठे प्रकरणों में फंसाया दिया गया है तथा निजी रूप से अधिवक्ता करने पर उनके द्वारा प्रकरण में कोई रूझान नहीं लिया जा रहा है। ऐसे बंदियों के नाम नोट किए गए एवं उनकी समस्या का निराकरण के संबंध में न्यायाधीशद्वय द्वारा आवश्यक परामर्श दिया गया।
अपने विचारों में परिवर्तन लाए
पश्चात न्यायाधीश भलावी ने बंदियों से आव्हान करते हुए कहा कि वे अपने विचारों में परिवर्तन लाए, सकारात्मक विचारों का समावेष करे। अपने अंदर की लालच और दुष्कर्म की भावना की समाप्त करे। उन्होंने बताया कि कई बार हम छोटे-छोटे अपराधो में भी सजा मिलने से जेल में आ जाते है। आपने बदियों को उनके मौलिक कर्तव्यों, मनो सामाजिक मुदृदों, साइबर अपराध, दैनिक जीवन में उपयोग सामान्य विधियां, अर्थात अपराध से बचने के लिए सामान्य बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी। साक्षरता दल की सदस्य अर्चना राठौर ने महिला हिसंा, घरेलू हिंसा की जानकारी महिला बदियों को दी एवं सभी ने कहा कि आप सभी नियमित योग एवं साधना करे, इसके शरीर स्वस्थ एवं दुरुस्त रहने के साथ ही सकारात्मक विचारों का समावेश होता है। योग एवं साधना के माध्यम से क्रोध पर भी काबू पाया जा सकता है।