शिक्षा का अधिकार बच्चो का लेकिन कर्तव्य हमारा

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट –
प्रत्येक व्यक्ति अपना समाज व देश का विकास तभी कर सकता है जब वह शिक्षित हो इसलिए देश के विकास के लिए शिक्षा प्रथम आवश्यकता है इसी कारण शिक्षा की संवैधानिक अधिकार का दर्जा दिया जाकर शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे को प्रदान किया गया है जिस प्रकार 18 वर्ष की उम्र का हर व्यक्ति वोट डालने का अधिकार होता है उसी प्रकार प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार है। प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिले यह हमारा कत्र्तव्य है। इस कारण स्कूल योग्य बच्चे अन्यथा परिस्थितियो में या मजदूरी करते पाए जाने पर उन्हे स्कूल में प्रवेश दिलाना चाहिए। उक्त बात न्यायाधीश श्री हरिओम अतलसिया द्वारा विधिक साक्षरता शिविर व ग्राम न्यायालय कैंप खजूरी में 21 सितंबर को ग्रामवासियो व बच्चो को संबोधित करते हुए दी। तलसिया ने लोक अदालत व मिडिएशन प्रक्रिया के प्रति रूची लेकर सजंग रहने की बात कही। साथ आए वरिष्ठ अभिभावक वी आर अरोरा द्वारा महिलाओ पर हो रहे अत्याचारो से संरक्षण के कानूनो की जानकारी दी तथा अधिवक्ता नंदकिशोर शर्मा द्वारा मोटरयान अधिनियम पर प्रकाश डालते हुए नियमो के पालन की समझाईश दी गई। मंच संचालन सलीम शैरानी ने किया।