वित्तीय साक्षरता प्रोग्राम में नई टेक्नोलॉजी का दिया किसानों को ज्ञान

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
नाबार्ड और महात्मा गांधी प्रतिष्ठान के सयुक्त उपक्रम में दो दिवसीय वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम और वर्तमान में विमुद्रीकरण के अंतर्गत दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार और बुधवार को एक निजी गार्डन पर रखा गया। वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से छोटे काश्तकार एवं पिछड़े वर्ग के किसानों को बचत और पैसे की लेन देन को पारदर्शी बनाने के लिए नए विकल्प के बारे में जागरूक किया जाना आवश्यक है, पैसे के ट्रांसफर में नई टेक्नोलॉजी जैसे एटीएम-डेबिट कार्ड की सुविधाओं की महत्ता के बारे में समझ होना भी जरूरी है। उक्त बात नाबार्ड के जिला प्रबंधक डॉ पी साहू ने कही। उन्होंने बताया कि किसानों को वर्तमान में विमुद्रीकरण के कारण जो मुश्किले पड़ रही है, किन्तु इससे भविष्य में होने वाले फायदे भी बहुत है, जिसके लिए हमें जागरूक होना होगा। इस आयोजन में बैंकों के मैनेजर भी शामिल हुए, जिनके द्वारा किसानों को बैंक में पैसा कैसे जमा कराना और निकालने संबंधी असुविधा एवं नियमों की भी सही जानकारी दी गई। इस मौके पर नर्मदा-झाबुआ ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक एनके गर्ग ने बताया कि किसानों को अन्य किसी के पैसे अपने खाते में जमा नहीं करने चाहिए, जिससे उनके खाते खराब हो सकते है और लेन देन की गलत गतिविधियों का हिस्सा न बने। वित्तीय सलाहकार जितेंद्र चौहान ने बताया की यदि आप अपना टैक्स समय पर और पूरा जमा करेगें तो उसका लाभ आम जनता को मिलेगा तथा देश के विकास में भागीदार बनेंगे। इस मौके पर बैंक आफ बड़ौदा के उप प्रबंधक किशोर दास,महात्मा गांधी प्रतिष्ठान के स्टेट कॉडिनेटर खुर्शीद आलम सहित बडी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।