पुल क्षतिग्रस्त हुए दो माह बीता: जान जोखिम में डालकर पुल से निकलने को मजबूर राहगीर

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हरीश पंचाल, परवलिया
अतिवृष्टि के कारण परवलिया नदी पर बना पुल टूट गया था, जिसके कारण 15 गांवों का संपर्क टूट गया है स्कूल जाने वाले बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में पार कर रहे हैं। बच्चों को स्कूल जाने में भय है कि न जाने किस वक्त नदी में ओवरफ्लो हो जाए। परवलिया में हाइस्कूल होने की वजह से आसपास के सभी बच्चे यही पढऩे आते है एवं इन गावों को जोडऩे वाला यही पुल था लेकिन बारिश व नदी के पानी मे आधा क्षतिग्रस्त होने से कई समस्या आ रही है। पुल टूट जाने से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। क्योंकि सभी किसानों के खेत गांव के दूसरे किनारे पर स्थित है, लेकिन अब उन्हे 5 से 7 किलोमीटर का लम्बा रास्ता तय करके मेन रोड होकर किसानों को खेत तक जाना पड़ रहा है। वहीं इस क्षतिग्रस्त पुल से आवागमन ठप्प होने की वजह से किसान के टमाटर-मिर्च का ट्रांसपोर्ट नही हो पायेगा और खेत मे ही फसल खराब हो जाएगी। यहा मौका मुआयना करने अधिकारी नेता व कई जनप्रतिनिधि भी आए लेकिन सिर्फ आश्वासनों के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। इस बारे में जब विधायक वीरसिंह भूरिया को अवगत करवाया तो उन्होंने अपने लेटर पेड पर संबंधित विभाग को लिख दिया है कि ग्रामीणों की परेशानी के मद्देनजर शीघ्र ही वैकल्पिक मार्ग बनाया जाए। गौरतलब है कि परवलिया से मानपुर रोड पर निर्मित यह पुुल प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बना था लेकिन विभागीय उदासीनता से ग्रामीण अब परेशान है और जागरुक युवा इस समस्या के वीडियो, फोटो अब सोशल मीडिया पर शेयर कर शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करवाने में जुटे है।
जिम्मेदार बोल-
काम विभाग का है और कल में जिला मुख्यालय पर जा रहा हूं। संबंधित विभाग को अवगत करवाता हूं जल्द ही समस्या का हल होगा। -आरसी हालु, सीईओ थांदला
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ग्राम पंचायत वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था अपने स्तर पर नहीं कर सकती। -रामचंद्र मालीवाड़, सचिव
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