नल-जल योजना निर्माण कार्य में ठेकेदार की हठधर्मिता से नगर में किया जा रहा गुणवत्ताविहीन कार्य

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर

जल अधिकार के तहत मेघनगर के निवासियों को 32 करोड़ की अधिक की नलजल योजना नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तोहफे के रूप में दी गई थी लेकिन जिस कंपनी पीसी स्नेहल को उक्त पाइप बिछाने का ठेका मिला उसने उक्त योजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। साथ ही लोगों को सुविधा के लिए जो योजना आयी थी वह लोगो की परेशानियों की वजह बन गयी पूरा शहर कंपनी की लापरवाही व भ्रष्टाचार की वजह से गड्ढों में तब्दील हो चुका है।
ये होना था योजना में.
योजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और एस्टीमेट के मुताबिक पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाते समय नीचे मुर्रम को परत बिछाई जानी थी जिस से पाइप नीचे नहीं दबे। मगर कंपनी द्वारा योजना के मापदंडों को ताक में रखकर बिना मुर्रम पाइप लाइन डाल दी और आज भी वही कंपनी धड़ल्ले से काम कर रही है जो नियमों की अवहेलना करने और भ्रष्टाचार करने की वजह से ब्लैक लिस्टेड हो जानी थी। मगर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौन स्वीकृति से जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद किया जा रहा है।

विधायक-पार्षद-जनता सबकी शिकायत डाल दी रद्दी की टोकरी में.
उक्त नल जल योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायत स्थानीय विधायक वीरसिंह भूरिया, पार्षद बबली संतोष वार्ड 6 के निवासी इमरान याकूब द्वारा की गई। मगर कंपनी के रसूख, धनबल और राजीनतिक रसूख के आगे लगता है नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और वर्तमान में कुछ भी कार्रवाई नहीं की गई। बुधवार को इंदौर से आये योजना के प्रबंधक राजवाड़े के सामने पार्षदों पत्रकारो और आम जनता में योजना में हो रही अनियमिताओं और भ्रष्टाचार को उनके सामने उठाया तो उनके द्वारा कंपनी को उचित निर्देश देने की बात कही गई। मगर कंपनी पर कार्यवाही करने की बात को लेकर वो बचते नजर आए।