जानलेवा हुआ डेंगू राणापुर में डेंगू पीडि़त किशोरी की बड़ौदा में हुई मौत

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मुकेश सोनी, झाबुआ
डेंगू अब झाबुआ में जानलेवा हो गया है। झाबुआ जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर राणापुर के वार्ड क्रमांक 3 की निवासी किशोरी नीलो पिता वाहिद शेख ने अब से करीब डेढ़ घंटे पहले डेंगू का शिकार होकर गुजरात के बड़ौदा के जलाराम अस्पताल में दम तोड़ दिया। जलाराम अस्पताल प्रबंधन ने मृतका को डेंगू की पुष्टि की थी। आज से करीब पांच दिन पहले यह किशोरी बुखार से पीडि़त हुई थी जिसके बाद उसे दाहोद ले जाया गया। दाहोद में करीब दो से तीन दिन तक उसका इलाज करने का डॉक्टरों ने प्रयास किया लेकिन जब कामयाबी नहीं मिली तो उसे बड़ौदा रेफर किया गया। बड़ौदा के मोहम्मद हॉस्पिटल ने बालिका की गंभीर स्थिति को देखते हुए इलाज के लिए इनकार कर दिया था इसके बाद उसे जलाराम अस्पताल में भर्ती करवाया लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। गौरतलब है कि एक पखवाड़े पहले करीब एक दर्जन से अधिक लोग डेंगू बीमारी से पीडित थे और गुजरात में उपचार करवाने के बाद ठीक हुए थे। डेंगू जैसे गंभीर मामलों में विडंबना यह है कि झाबुआ जिले का स्वास्थ्य विभाग अपने जिले के नागरिकों की चाहे मौत हो जाए या वह गंभीर रूप से रोगी होकर गुजरात में इलाज करवाते रहे वह उन्हें डेंगू होना तब तक स्वीकार नहीं करता तब तक उनके रिकार्ड या उनकी जांच में डेंगू न निकले। इस बेतूके व अव्यवहारिक तुगलकी सिस्टम के चलते हर वर्ष डेंगू एवं गंभीर मलेरिया का दंश जिले के नागरिक झेलते हैं और स्वास्थ्य विभाग अपने आंकड़ों पर खुश होकर अपनी पीठ थपथपाता रहता है, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या यहीं गर्वनेंस व अफसरों की इमानदारी है…?

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