औद्योगिक विकास निगम ने पानी कर दिया मंहगा

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  • सारे जलस्त्रोत सूखे, गरमी में कैसे प्यास बुझाएंगे शहरवासी
    मेघनगर से भूपंद्र बरमंडलिया की रिपोर्ट: नवीन नगर परिषद पानी को लेकर बेहद चितिंत है। वही म.प्र. औद्योगिक विकास निगम के अडियल रवैये से नगर परिषद परेशान है। भीषण गर्मी प्रारंभ हो गई है म.प्र. औद्योगिक विकास निगम ने पूर्व ग्राम पंचायत एव आठ माह प्रशासन काल का लगभग 33 लाख बकाया निकालकर नवीन परिषद के माथे थोप दिया है। नवीन परिषद के पास न तो राशि है और न ही आसपास के क्षेत्र जल स्तर। औद्योगिक विकास निगम से प्रतिदिन 6 लाख लीटर पानी खरीदे तभी जाकर जल प्रदान सुचा रूप से होगा। नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभु पाटीदार ने बताया कि आसपास के जलस्तोत सूख चुके हैं। परिषद की मजबूरी है औद्योगिक विकास निगम से पानी लेना है। निगम पहले 6 रुपए प्रति हजार लीटर की दर मे ग्राम पंचायत को पानी दे रही थी अब बढ़ा कर 19 रुपए 80 पैसा प्रति हजार लीटर कर दिया है इतना महंगा पानी खरीदना परिषद के लिए आसन नहीं है। परिषद मेघनगर मंे तीन पानी की टंकियां बनी हुई हंै जिसे करीबन 56 पाइंट बना कर पानी सप्लाई किया जा रहा है। हमारे अन्य स्त्रोत से पानी काफी कम संग्रहित होता है यही वजह है कि 10 से 12 दिन मंे पानी का नंबर आता है।
    अध्यक्ष व पार्षद बोले:- अध्यक्ष ज्योति नटवर बामनिया पार्षद अनूप भंडारी, भुपेश भानपुरिया का कहना है कि पानी की समस्या गंभीर है औद्योगिक विकास निगम द्वारा जो पानी की दर बड़ा कर दी जा रही है जो परिषद के लिए काफी चिंता का विषय है, दर कम करने के लिए निगम इंदौर को कार्रवाई भी की जा चुकी है वैसे तो इसमे इस फीटर प्लांट मंे पूरी हिस्सेदारी है क्योंकि म.प्र. शासन ने औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के समय 1984 में 75 लाख की राशि औद्योगिक विकास निगम को मेघनगर की पेयजल योजना के लिए दी थी जल्दी ही समस्या का समाधन करने की कोशिश की जा रही है।
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