एसडीएम ने जमीन पर बैठकर सुनी समस्या; आखिर 10 घण्टो बाद खत्म हुई किसानों की भूख हड़ताल

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सलमान शैख़@ झाबुआ Live
दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच आज जिले के पेटलावद के ग्राम बावड़ी में किसान मोर्चा खोलकर भूख हड़ताल पर बैठ गए थे, लेकिन यह भूख हड़ताल कृषि कानूनो को लेकर नही बल्कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर हो रही थी। सुबह से ग्राम के सभी किसान राम मंदिर के पास अपनी जायज मांगो को लेकर डटे हुए थे।

भारतीय किसान यूनियन का समर्थन इस भूख हड़ताल में देखने को मिला था, लेकिन अब 10 घण्टो बाद ही यह भूख हड़ताल खत्म हो गई, किसानों की जायज मांगो को एसडीएम आईएएस शिशिर गेमावत ने माना और किसानों को सर्वे की सूची, रिपोर्ट की जानकारी दी। इसके बाद किसानों ने भूख हड़ताल खत्म की।
इसके बाद एसडीएम ने पीएम सम्मान निधी में किसानों के नाम नहीं जुडने पर पटवारी को जमकर फटकार भी लगाई और 15 दिन का अल्टीमेटम भी दिया।
इस आंदोलन की खास बात यह रही कि एसडीएम ने खुद जमीन पर बैठ किसानों की समस्या सुनी जिस पर किसानों ने एसडीएम की तारीफ की और कहा कि ऐसे अफसर अगर रहे तो किसानों को आंदोलन के लिए बाध्य ही नही होना पड़ेगा।
अधिकारियों को झेलना पड़ा किसानों का आक्रोश-
किसान की भूख हड़ताल की सूचना पर जिले से कृषि उप संचालक एनएस रावत, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे, लेकिन यहां उन्हें किसानो का जमकर आक्रोश झेलना पड़ा। साथ ही किसानो ने उन्हें खरी-खोटी भी सुना दी। अधिकारियो ने किसानो को मनाने की लाख कोशिशे की, लेकिन किसान मानने को तैयार नही थे, आखिर में अधिकारियो को उल्टे पैर लोटना पड़ा।

किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़, महामंत्री जितेंद्र पाटीदार और तहसील अध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार ने बताया हर बार किसान ही क्यो परेशान होता है। पिछले 6़ वर्षो से हमारे क्षैत्र के किसान फसल बीमा योजना में प्रीमियम भरते आ रहे है, लेकिन न तो उन्हें कभी पाॅलिसी दी गई और न ही उन्हें कभी फसलो को क्लेम मिला है। जो कि मिलना चाहिए था। अभी एसडीएम साहब के आश्वासन पर हम भूख हड़ताल खत्म कर रहे है। साथ ही मुख्यमंत्री, राज्यपाल व कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन इस समस्या को लेकर सौंपा है। हमे उम्मीद है जल्द ही किसानों को उनका हक़ मिलेगा। और अगर आने वाले दिनों में किसानों को खराब फसलों का क्लेम नही मिला तो फिर हम बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।