तत्कालीन डीपीएम अर्चना राठौर के सिविल केस को किया खारिज, इन चार अधिकारियों को दी बड़ी राहत

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चंद्रभानसिंह भदौरिया, एडिटर इन चीफ
आज अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में झाबुआ के अपर जिला न्यायाधीश महेश शर्मा ने तत्कालीन डीपीएम (स्वास्थ्य विभाग) अर्चना राठौर पति विजयसिंह राठौर के उस परिवाद को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर झूठा केस चलाने के आरोप में तत्कालीन कलेक्टर, तत्कालीन सीएमएंड एचओ गजराजसिंह रावत, तत्कालीन एसडीएम एसके लहरी एवं तत्कालीन झाबुआ कोतवाली टीआई उदयभान तिवारी, के खिलाफ सिविल केस फाइल कर क्षतिपूर्ति के एवज में 28 लाख 63 हजार 80 रुपए का हर्जाना मांगा था। लेकिन परिवाद में दिए गए तर्कों से असहमत होते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने परिवाद को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि अर्चना राठौर पर 2011-12 में तत्कालीन डीपीएम (नैशनल हेल्थ मिशन) पर अनियमितताओं के आरोप में एसडीएम की रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ ने झाबुआ कोतवाली पर मामला दर्ज करवाया था, जिसमें बाद में जाकर अर्चना राठौर निर्दोष साबित हुई। इसके बाद उन्होंने यह 28 लाख 63 हजार 80 रुपए का हर्जाना वसूलने के लिए इन चारों अधिकारियों पर न्यायालय में वाद दायर किया। इन चारों अधिकारियों आरोप लगाया गया था कि इन्होंने द्ेवष पूर्ण अभियोजन अर्चना राठौर के खिलाफ चलवाया था।

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