मच्छरों का कहर, दवा का छिड़काव नहीं

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विजय मालवी खट्टाली

ग्राम में मच्छर कहर बरपा रहे हैं। शाम होते ही लोग मच्छरों का शिकार बन रहे हैं। पानी की निकासी नहीं होने से जगह-जगह पानी का जमाव होने से पनप रहे मच्छर। लोगो को कहीं पर बैठना भी मुश्किल हो गया। घर हो या सार्वजनिक जगह हो लोगो को हर जगह तालिया बजाते ही देखा जा सकता है।ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को ग्राम में वर्षा के दिनों में लार्वा कंट्रोल करने के लिए फागिंग मशीन से छिड़काव कराया जाना चाहिए। पर ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में हर साल मच्छरों के प्रकोप का शिकार बनकर सैकड़ों लोग मलेरिया व डेंगू जैसे घातक बीमारियों की चपेट में आकर गंभीर हालत में भर्ती होते है। अस्पतालों में मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

ग्रामीण अपने तरीको से कर रहे बचाव

कई लोग साफ-सफाई करने के साथ-साथ आसपास जहां पानी या गंदगी को वहां फिनाइल डालते हैं। जिससे लार्वा नहीं पनप पाते। साथ ही शाम के समय नारियल के रेशे या नीम की सूखी पत्ती, सूखे गोबर को जलाकर उसका धुंआ करते हैं।