घर पर रहकर तप त्याग से मनाया अनन्य महोत्सव 2020, जैनाचार्य  नानालालजी मसा की 100 वी जन्म जयंती

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रितेश गुप्ता, थांदला
पूरे देश भर में समता विभिति24 मई आचार्य श्री नानेश की जयंती घर पर रहकर तप त्याग से मनाई । सभी श्रदालु ने नवकार मंत्र के जाप एकासनतप, सामयिक , प्रतिक्रमण साधना व समता शाखा व नानेश चालीसा के साथ आचार्य श्री के गुणों का गुणगान किया गया ।आचार्य श्री प्राणी मात्र के प्रति दया का भाव रखते थे ।वर्ष 1963 में उज्जैन जिले नागदा के समीप बलाई समाज के लोगो को व्यसन से मुक्त कर समाज की मुख्यधारा में लाये व उन्हें धर्मपाल की संज्ञा दी आज भी समाज उनके प्रति श्रद्दा व्यक्त करता है बलाई समाज के युवा आज भी सन्त सतियो के साथ पूरे देश मे विहार सेवा करते है ।वर्ष 1965 में आचार्य श्री नानेश थांदला पधारे थे जब शाकाहार विषय पर गरीबो के मसीहा मांमा बालेश्वर दयाल से भी वार्ता हुई उस समय देश मे खाद्यान की समस्या थी आचार्य श्री ने अहिंसा को अपनाने हेतु मामाजी को सप्ताह में एक दिन उपवास करने के लिए जनता को जाग्रत कर समस्या का हल सुझाया था सटीक समाधान पाकर मामा बालेश्वर दयाल प्रभावित होकर आचार्य श्री के चरणों मे झूक गए । अंचल के थांदला मेघनगर पेटलावद करवड़ झाबुआ आदि क्षेत्र में पूज्यगुरुदेव की जयंती मनाई गई।पूज्य श्री के वर्तमान पट्टधर आचार्य श्री रामेश पिपलियकला (राज) में विराजित है।जिनका 2020 का वर्षावास जोधपुर (राज) में है।उक्त जानकरी अनन्य महोत्सव मालवा समता युवा संघ के सह प्रभारी दीपेश शाहजी ने दी ।