कट्‌ठीवाड़ा गबन कांड : कोर्ट ने जारी किया कमल का गिरफ्तारी वारंट, 11 जनवरी तक करना होगा सरेंडर

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आलीराजपुर। कट्‌ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में हुए 20.47 करोड़ के गबन कांड के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण आलीराजपुर की कोर्ट ने कमल राठौड़ का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। उसे 11 जनवरी तक सरेंडर करना होगा, इसी के साथ उसकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई में भी तेजी आएगी। 

आरोपी कमल राठौड़

कट्‌ठीवाड़ा के गबन कांड में फरार कमल राठौड़ की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। उसने कट्‌ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में लेखापाल रहते हुए पांच साल के दौरान 134 खातों में करोड़ा रुपए ट्रांसफर किए थे। इन खाताधारकों में उसकी पत्नी, रितेश्दार भी शामिल है। शासकीय राशि का गबन करते हुए उसने कई जगह संपत्ति भी खड़ी की। इंदौर, धार, खरगोन में उसकी संपत्ति होना बताई जा रही है। इसके अलावा आलीराजपुर शहर में भी करीब डेढ़ दर्जन से अधिक संपत्ति खुद कमल, उसकी पत्नी और करीबी रिश्तेदारों के नाम होने की जानकारी सामने आई है। मामले की जांच कर रहे एसडीओपी अश्वनी कुमार ने बताया आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने वारंट जारी किया है। उसे हमारी टीम तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कमल की अग्रिम जमानत पर 8 जनवरी को हाईकोर्ट इंदौर में सुनवाई होगी। एसडीओपी ने बताया जिनके खातों में राशि ट्रांसफर की गई थी ऐसे तीन लोग उसके साले विकास राठौर, स्वप्नेश राठौड़ और श्याम राठौड़ को रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई है। तीनों फिलहाल जेल में है। 

ये आरोपी अभी जमानत पर

मामले में छह आरोपियों में से पांच को कोर्ट जमानत दे चुकी है। सेवानिवृत्त लेखापाल मोईनुद्दीन शेख, भारत की चौकी के प्राचार्य रामनारायण राठौड़, तत्कालिन बीईओ अच्छेलाल प्रजापति व मधुलाल परमार और आमखूंट में पदस्थ प्रधान अध्यापक रमेशचंद्र बघेल को भी अग्रिम जमानत मिल गई थी। 

ऐसे पकड़ में आया था घोटाला

संचालनालय कोष एवं लेखा मप्र भोपाल कार्यालय द्वारा आईएफएमआईएस में उपलब्ध कोषालयीन रिकार्ड में परीक्षण किए जाने पर आलीराजपुर कोषालय से संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी बीईओ कट्‌ठीवाड़ा से लेखा सहायक कमल राठौर के डीडीओ कोड 4902506054 से खाताें भुगतान हुआ। इस खाते में एक से अधिक भिन्न नाम के कर्मचारी, वेंडर, लाभार्थी का नाम लिखा हुआ मिला। इन खातों में हुए भुगतान संदिग्ध और धोखाधड़ी की श्रेणी में आए। इसके चलते वित्तीय वर्ष एवं विगत पांच वर्षों 2018-19 से 2023-24 के समस्त भुगतानों की जांच 16 अगस्त 2023 से शुरू की गई थी। 134 में से 35 खाते ऐसे हैं जिनके सरनेम राठौर है।