तपस्वी किरण बहन पावेचा ने निरंतर 421 एकासन तप की तपस्या

- Advertisement -

रितेश गुप्ता, थांदला
आचार्य उमेशमुनिजी के शिष्य प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा-4 स्थानीय पौषध भवन पर विराजित है। साध्वी मंडल के सानिध्य में यहां तपस्याओं का दौर जारी है। यहां जैन सोश्यल गु्रप की उपाध्यक्ष किरण प्रमोद पावेचा ने निरंतर 421 एकासन तप की तपस्या पूर्ण की। एक और जहां हर किसी के लिए छोटा-सा तप करना भी मुश्किल होता है वही दूसरी और किरण बहन पावेचा ने इतनी बड़ी संख्या में निरन्तर तप की आराधना करके अपने परिवार का ही नहीं अपितु नगर का भी नाम गौरवान्वित किया है। गौरतलब है कि सदैव तप में रमने वाली तपस्विनी किरण बहन पावेचा पूर्व में मासक्षमण 31 उपवास सहित कई छोटी-बड़ी तपस्याएं कर चुकी है। तपस्वी किरण पावेचा मुमुक्षु मयंक पावेचा की माताजी है। यहां प्राजंल जिनेन्द्र लोढ़ा ने 9 उपवास तथा कई श्रावक-श्राविकाओं ने विभिन्न तप आराधना करके तपस्वी किरण प्रमोद पावेचा के तप कीे अनुमोदन की। वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सहित विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों ने भी आपके तप की खूब खूब अनुमोदना की।