ऐतिहासिक वैदिक सम्मेलन में जुटेंगे 125 वैदिक विद्वानों जुटेंगे

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रितेश गुप्ता थांदला
अखिल भारतीय दयानन्द सेवाश्रम संघ दिल्ली की शाखा थान्दला के वनवासी अंचल में सेवाकाल के 50 वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर स्वर्ण जयन्ती समारोह का विराट आयोजन 11 से 13 जनवरी 2019 को किया जाना है। समारोह के साथ झाबुआ जिले में पहली बार वैदिक सम्मेलन भी किया जाएगा, जिसकी स्वीकृति मानव संशाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के महर्षि सान्दिपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान उज्जैन से प्राप्त हो चुकी है। सम्मेलन का भव्य आयोजन थान्दला आश्रम परिसर पर होना है। इस आयोजन को सफल बनाने हेतु आज ग्रामीण अंचल के गणमान्यों आर्यभगतों एवं पूर्व छात्रों व आश्रम परिवार के सदस्यगणों की आमसभा आयोजित हुई। सभा ईश्वर स्तुति प्रार्थना मंत्रोचारण के साथ प्रारम्भ हुई। सभा में संस्था कोषाध्यक्ष गुलाबसिंह आर्य द्वारा 3 दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। संस्था संचालक आचार्य दयासागर द्वारा आश्रम की स्थापना, संचालित गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। यह स्वर्ण जयन्ती समारोह अत्यंत गरिमामय आयोजन होगा। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में नागालैंड के महामहिम राज्यपाल ने आगमन की स्वीकृति हमें प्रदान की है। वैदिक सम्मेलन में देशभर के ख्याति प्राप्त 125 वैदिक विद्वानों के कार्यक्रम में पधारने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। यह आयोजन थान्दला नगर के इतिहास में ऐतिहासिक-भव्य सामाजिक व धार्मिक आयोजन होगा, जिसमें आर्यजगत के 100 से अधिक विद्वान एवं भजनोपदेशक राष्ट्र व समाज निर्माण हतु अपने सुविचारों की आहूति प्रदान कर क्षेत्रवासियों को अभिभूत करेगें। संस्था के उपाध्यक्ष ओमप्रकाश भट्ट द्वारा विचार व्यक्त करते हुए आयोजन को भव्य रूप प्रदान करने हेतु सभी समाजजनों, नगरवासियों से अपील की। संस्था के वरिष्ठ सदस्य भीमसिंह आर्य एवं खेमचन्द आर्य द्वारा इस महाआयोजन में ग्रामीण क्षेत्र से भी तन-मन-धन से सहयोग रूपी सामथ्र्य अनुसार आहूति प्रदान करने की अपील की। जसवन्त ने सभा में अपने विचार व्यक्त कर सभी से आव्हान किया कि हम इस आयोजन को हिंदू महासंगम द्वितीय के रूप में मनायेगें जिसमे पूरा क्षेत्र सहयोग करेगा। संस्था के पूर्व छात्र रूसमाल चरपोटा ने विचार रखा कि इस आयोजन में नगर व ग्रामीण अंचल के हमारे सभी युवा साथी समयदान करें एवं ख्याति प्राप्त विद्वानों, पुरोहितों की सेवा कर हमारे आदिवासी अंचल में आयोजित इस महाकुंभ को गरिमामय एवं ऐतिहासिक बनाने हेतु समाज का प्रत्येक वर्ग सहयोग करे। इस आयोजन हेतु आपने 50 दिवस समयदान करने की स्वीकृति दी तदनुसार प्रकाश भूरिया कलदेला, चुन्न्नीलाल महाराज, दिलीप मावी ने भी एक माह समयदान करने की स्वीकृति प्रदान की। क्षेत्र के युवा शांतू बारिया, तानसिंह मइडा, मुकेश बामनिया, सुनील कटारा, राकेश डामोर, मुकेश भूरिया, बलवन्त परमार ने 15 दिवस मयदान की स्वीकृति प्रदान की। तथा अनिल भूरिया, मोहन डामोर, कालू डामोर, मांगु डामोर, पारसिंह मईडा, कैलाश वसुनिया ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु समयदान करने की स्वीकृति प्रदान की। आचार्य दयासागर के प्रस्ताव पर सभा में रूसमाल चरपोटा को ग्रामीण क्षेत्र संयोजक सर्वानुमति से बनाया गया जो ग्रामीण अंचलों में कार्यक्रम का प्रचार प्रसार एवं समाज में जागरूकता लाकर युवाओं की टोलियां बनाएंगे। ग्रामीण अंचलों में क्षेत्रवार यह टोलियां समाजजनों के बीच आर्य व वैदिक संस्कृति एवं संस्कारों को फलिये-फलिये पहुंचाएंगे, जिससे अधिकाधिक ग्रामीणवासी इस महाकुंभ में हिस्सेदारी करेंगे। उन्होंने बताया कि स्वर्ण जयन्ती समारोह की तैयारियों हेतु विगत दो माह में थान्दला नगर के गणमान्यों, आश्रम परिवार, कर्मचारियों पूर्व छात्रों के साथ सतत बैठकें आयोजित की गई है। जिसमें सभी क्षेत्रवासियों का पूर्ण सहयोग संस्था को प्राप्त हो रहा है। चूंंकि आयोजन में समय कम है एवं कार्यो की अधिकता है। सभी आर्यजन पूर्णनिष्ठा व लगन से इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने हेतु सहयोग प्रदान करे। आपने आज की सभा में आश्रम परिसर में उपस्थित रतलाम, बामनिया, कुश्लगढ़, भामल, मेघनगर, खवासा, काकनवानी एवं थान्दला क्षेत्र से उपस्थित सभी आर्यजनों का आभार माना। शांति पाठ कर सभा समाप्त की गई।