आरएसएस के पथ संचलन में कदम ताल करते हुए निकले संघ कार्यकर्ता

- Advertisement -

झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विजयदशमी उत्सव शस्त्र पूजन के साथ अष्ट हनुमान मन्दिर प्रांगण में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर संघ का प्रभावी पंथ संचलन पूर्णगणवेश में घोष की विजय की धुन पर नगर के विभिन्न परम्परागत मार्गो से निकाला गया। संचलन का जगह-जगह मातृशक्ति एंव विभिन्न समाजों परिवारों द्वारा पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इस अवसर पर जिला प्रचारक धर्मेन्द्र मौर्य द्वारा उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ की स्थापना का यह उत्सव सदियों से समाज में स्वाभिमान जागृति एंव स्वधर्म संस्कार का निर्वाहन करने स्वधर्म संस्कृति की रक्षा करने के उददेश्य से मनाया जाता रहा है । देश की आजादी के पूर्व जब हिन्दू समाज में तत्समय स्वाभिमान समाप्त होता देखा तो संघ की स्थापना का निश्चय पंपू डॉ. केशवराव बलिराव हैडगेवार ने किया। समाज में निराशा का भाव भविष्य की भावी चुनौतियों के रूप में था सैकडों वर्षो की गुलामी के बाद जब समाज में निराशा छा रही थी व्यक्ति हिन्दू होने के अपने अभिमान को दुर्बलता समझ रहा था तब आवश्यक्ता हुई सर्वशक्ति संपन्न समाज में शक्ति संचय कर उसके प्रकटीकरण की परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन की गई। आज विश्व के 40 देशों में संघ की शाखाएं लग रही है नियमित मातृभूमि की अर्चना प्रार्थानाएं हो रही है। मौर्य ने आगे कहा कि शक्ति का संचय व प्रकटीकरण किसी पर प्रहार करने के लिए नहीं होता हमारा उद्देश्य एक अनुशासित समाज का निर्माण करना है जो स्वाभिमान स्वधर्म संस्कृति से परिपूर्ण हो। संगठित व अनुशासित समाज ही हर समस्या का समाधान है। चाहे देश में हो रहे चीनी सामानों के आयात हो या सीमा पर उसी चीन द्वारा हमारे सैनिकों पर किया जा रहा प्रहार हो अगर समाज संगठित होकर निर्णय करेंगा चीनी समानों को बहिष्कार करेगा तो यह संगठित व अनुशासित समाज का सबसे बढा उदाहरण होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी राजेन्द्र उपाध्याय ने की मंच पर तहसील संघ चालक द्वारा का प्रसाद शर्मा उपस्थित थे। इस अवसर पर बढी संख्या में स्वयं सेवक उपस्थित थे।