थादंला हुआ लाचार , आवारा पशुओं का जगह जगह डेरा

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आवारा मवेशियों का हर गली मे डेरा ,नगर प्रशासन मजबुर

झाबुआ लाईव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट

थांदला – नगर मे ऐसा शायद ही कोई मार्ग हो जहां आवारा मवेशियों का डेरा ना हो । कही मवेशियों की टक्कर से वाहन चालक दुर्घटना ग्रस्त हो रहे है  तो कही मवेशी वाहनों से टक्कर खाकर चोटील  हो रहे है। कही राह चलते बुजुर्गो को मवेशीयों दौड़ परेशानी मे डाल रही है। कही बिमार एवं बांझ मवेाी बेसुध हो गली चोराहों पर गिरे देखे जाते हेै।

आवरा मवेशियों के कारण नगर के मुख्य मार्ग एम. जी. रोड,जवाहर मार्ग एवं कुम्हार बाजार मे  अक्सर जाम के हालात देखे जा सकते है। जिस कारण वाहन चालको एवं राह गिरो को कई समस्याओ का सामना करना पडता है।  आवारा मवेशियों को हटाने हेतु नगर परिषद द्वारा कई बार मुहीम तो चलाई पर मुहीम के बाद सप्ताह भर मे पुनः स्थीती ज्यों की त्यों हो जाती है ओर मवेशि मालीक भी अपने मवेशियों को आवारा घुमने  के लिये फिर से छोड़ना शुरु कर देते है।

नगर परिषद द्वारा जब जब आवारा मवेशियों को पकड़ने के मुहीम चलाई तब पकडे गये मवेशियों को नगर का एक मात्र कांजी हाउस मे जगह अप्रर्याप्त का होने से एवं उनके दिये जाने वाले दाना पानी के अभाव मे वापस छोडना नगर पंचायत की मजबुरी बन जाती है। इस मजबुरी का ज्ञान होने से पाुपालक प्राशासन के द्वारा चलाई गई मुहीम को हल्के मे लेते है।  नगर परीषद को अपने आपसी विवादो से बाहर निकल जन समस्याओं की ओर रुख करना होगा, नगर परिशद ,राजस्व एवं पुलीस प्राासन को मिलकर इस जन समस्या से निदान हेतु आवयक कदम उठाना जरुरी होगा ।

नगर परीषद से जब इस संदर्भ मे बात करना चाहा तो कर्मचारीयों से ज्ञात हुआ कि सि.एम.ओ.साहब स्वेच्छीक सेवा निवृत्ती हेतु आवेदन दे चुके है व कार्यलयीन मामलों पर अभी ध्यान नही दे रहेIMG-20150710-WA0355