उम्मीदों का सूरज आदिवासी क्षेत्रों से ही उदित होता है – डॉ निशांत खरे 

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योगेन्द्र राठौड़, सोंडवा

सत्ता में बरकरार रहने का भाजपा का लक्ष्य है और इसीलिए भाजपा पिछले कई सालों से आदिवासी क्षेत्रों में लगातार विकास कार्य करवा रही है। चुनाव के बेहतर परिणाम के लिए उम्मीदों का सूरज आदिवासी क्षेत्रों से ही उदित होना है। यानी, आदिवासी भाई – बहन जिसके साथ चल देते है, सत्ता के दरवाजे उसी के लिए खुलेंगे। इसका असर इन दिनों प्रदेश की राजनीति और चुनावी तैयारियों पर भी भरपूर देखा जा रहा है। प्रदेश में आदिवासी वर्ग की भूमिका सरकार बनाने और बिगाड़ने में महत्वपूर्ण रही है।

यह मानना है इंदौर के डॉ निशांत खरे का जिन्हें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवा आयोग की कमान अध्यक्ष के रूप में सौप रखी है। डॉ निशांत खरे चुनाव की स्थिति समझने एवं आगे की रणनीति बनाने के लिए आज अलीराजपुर के दौरे पर थे जहाँ उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ वरिष्ठ नेताओं एवं प्रत्याशियों से भेंट कर चुनाव की स्तिथि समझने का प्रयास किया । चुनाव निर्धारित होने के पहले भी डॉ निशांत खरे आदिवासी समुदाय के लोगों से लगातार मिलते रहे है एवं हर क्षेत्र में सभाए लेते रहे और व्यक्तिगत रूप से चर्चा भी हर व्यक्ति तक पहुंचने के प्रयास किये। उनके साथ समय बिताया और उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास वे लगातार करते आये है और उनकी कला को करीब से समझा। ऐसा माना जाता है कि डॉ खरे की आदिवासी क्षेत्रों में काफी मजबूत पकड़ है एवं वे लगातार बीजेपी के हर कार्यकर्ता एवं नेताओं के सम्पर्क में रहते है और बेहतर सामंजस्य बैठाने के प्रयास में लगे रहते है।

डॉ निशांत खरे (अध्यक्ष, युवा आयोग, मध्यप्रदेश) ने बताया कि पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मध्य प्रदेश से ही जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत की थी और देश के पहले विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले रेलवे स्टेशन हबीबगंज को गोंड रानी कमलापति के नाम पर किया था। जनजातीय नायकों के सम्मान के क्रम में ही स्वतंत्रता सेनानी मामा टंट्या भील की स्मृतियों को संजोकर नामकरण किए गए हैं। शिवराज सरकार ने भी पिछले कई सालों से आदिवासी भाई – बंधुओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।