मानवता हुई शर्मसार, सडक़ पर तड़पता रहा युवक, लेकिन मदद के लिए नहीं बढ़े हाथ…,SEE VIDEO.

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सलमान शैख़@ पेटलावद

मर गई मानवता, शर्मसार हो गई इंसानियत..किसी सडक़ हादसे के बाद आपने मौके पर भीड़ भी देखी होगी और मददगार भी, शायद आपने खुद भी घायलों की मदद की हो लेकिन आज पेटलावद में एक सडक़ हादसे के बाद जो कुछ हुआ उसे देखकर मानवता शर्मसार हो उठी। सडक़ हादसे के बाद एक युवक करीब आधे घंटे तक सडक़ पर तड़पता रहा, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई भी शख्स आगे नहीं आया। उसके पास से दर्जनों वाहनों पर इंसान तो गुजरे पर मदद का हाथ किसी ने नही बढ़ाया। आखिर में पथरीली सडक़ पर पत्थरदिल इंसानो के सामने देखते ही देखते वह युवक बेहोश हो गा। जो ग्रामीण युवा उसकी मदद के लिए आगे आये और उन्होंने आने-जाने वाले वाहनों को रोकने की कोशिश कि, लेकिन किसी ने भी रुकने की जहमत नही उठाई। इसके बाद उसे संजीवनी 108 से स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां उसे उपचार के दौरान भर्ती कर लिया गया।
दरअसल, रविन्द्र भगोरा निवासी बोडायता पेटलावद से किसी कार्य के लिए बावड़ी जा रहा था। तभी ग्राम से कुछ दूरी पर भारत ओमान कम्पनी के प्लांट के नजदीक अचानक वह बाइक से गिर गया। हालांकि घटना में उसे कोई चोट नही लगी, लेकिन उसके पेट मे ज्यादा दर्द होने की वजह से वह सडक़ पर ही तड़प रहा था।
*इन युवको ने दिखाई मानवता, पहुंचाया हास्पीटल-*
वहां से गुजर रहे ग्राम बावड़ी के युवा जितेंद्र पाटीदार, बाबूसिंह राठौर, मनीष गरवाल आदि अपने साथियों के साथ रविन्द्र को इस हालत में देखकर फोरन वहीं रुक गए। उन्होनें तत्काल संजीवनी 108 पर कॉल किया और एंबूलेंस बुलवाई, लेकिन एंबूलेंस को लेट होता देख उन्होनें आने-जाने वाले वाहनो को रोकना चाहा, लेकिन गाडिय़ों का काफिला सिर्फ वहां से गुजरता गया, मदद के लिए एक भी हाथ उनकी ओर नहीं बढ़े। थोड़ी देर बाद संजीवनी 108 वहां पहुंची और रविंद्र को स्वास्थ्य केंद्र पेटलावद लाया गया। जहां डॉ. केडी मण्डलोई ने हमेशा की तरह भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर की मिसाल पेश की और फोरन खाने से उठकर पहले रविंद्र का उपचार किया और उसके बाद घर जाकर खाना खाया।
*बड़ा सवाल-क्या सबक लेगा आम इंसान?*
जख्मी हालत में वह करीब आधे घण्टे तक सडक़ पर तड़पता रहा और बिलखता रहा। इस घटना में मानवता को शर्मसार कर देने वाला यह वाकया दिखाई दिया। इन सब के बीच सवाल सबसे बड़ा सवाल सोच का है, मानवता का है। क्या इस हादसे से सबक लेगा आम इंसान? तस्वीरें झूठ नही बोलती वरना शायद सुनने वाले इसे भी सच नही मानते और देखने वाले साफ मुकर जाते। हम सब खुद को इंसान कहते है, पर हम इंसानो के बीच से ही चंद ऐसे लोग वो हरकत कर बैठते है, जिन्हे देखकर हैवान भी हमसे जने लगे, फिर चाहे बात किसी जुल्म की हो, हादसे की या फिर हादसे को देखकर खामोश रहने वाले इंसानी तमाशबीनो की। इतनी कड़वी बाते हम हरगिज ना कहते, पर क्या करे जब हमारे और आपके शहर के बीचो-बीच एक युवक सडक़ पर पड़ा तड़पता रहे और उसकी मदद के लिए एक भी वाहन की खिडक़ी ना खुले, तो फिर खुद के जिंदा होने पर शक ना हो तो क्या हो?