बड़ी खबर: नही सुनी जिम्मेदारों ने, वही हुआ जो नही होना था, किसान ने दी आत्महत्या की चेतावनी..

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सलमान शैख़@ पेटलावद
आखिर में वही हुआ जो नहीं सुना था जिम्मेदार अगर पहले ही सुन लेते तो आज जो स्थिति किसानों के साथ निर्मित हुई है वह नहीं हो पाती लेकिन अधिकारियों की उदासीनता का एक उदाहरण आज फिर देखने को मिल गया।
दरअसल मामला ग्राम बावड़ी का है। यहां के किसान रविंद्र पाटीदार ने आज से डेढ़ महीने पहले अधिकारियों को सूचित किया था कि इतनी हल्की बारिश में भी मेरे खेत में पानी भरा रहा है तो अधिकारियों ने पाइप डालकर पानी निकालने का आश्वासन दिया था। लेकिन डेढ़ महीना हो गया आज किसान की हालत रोने जैसी हो गई। किसान ने सुबह माही के अधिकारियों को फोन लगाया तो कोई भी अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं थे तो किसान ने उसी समय सभी अधिकारियों को दूरभाष पर सूचना दे डाली कि वह अपने खर्च से जेसीबी मंगवा रहा है और सारा मटेरियल नहर के अंदर डाल रहा है। उसने डायल 100 को भी सूचना दी कि अगर उसे किसीने रोकने की कोशिश की तो वह आत्महत्या कर लेगा।
समझ में नहीं आता कि किसान हमेशा अपने आप को इतना मजबूर क्यों समझता है बीज लेने जाए तो वह महंगा खाद लेने जाए तो वह महंगा कितनी मुश्किल से अपने पौधों को बड़ा करता है और ऐसे अधिकारियों के कारण किसान आत्महत्या नहीं करेगा तो क्या करेगा। किसान ने अधिकारियों को आधे घंटे का टाइम दिया है अगर आधे घंटे में मशीन लेकर अधिकारी नहीं आते हैं तो किसान जेसीबी किराए से लगाकर सभी मटेरियल नहर के अंदर डाल देगा।