चलो आओ सरकार चादर में..;संदल से महकी मजार, फूलो से सजा दादा का दरबार

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सलमान शैख़@ पेटलावद

सांप्रदायिक सौहार्द्र और शांति केमाहौल में गुरुवार को हजरत ओढ़ी वाले बाबा का सालाना उर्स महोत्सव चादर जुलूस केसाथ शुरू हुआ। जुलूस में मुस्लिम समाज में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला। सुबह फजर की नमाज के बाद दरगाह पर हजरत को पारंपरिकरूप से गुश्ल और संदल दिया गया। संदल की खुश्बू से मजार दमक उठी। जायरिनों ने दाता के मजार पर सलाम पढ़ा। इसकेबाद फातेहा पढ़ी गई। शहर में संदल शरीफ और चादर जुलुस निकाला गया। इसमें हजरत केदीवाने सिर पर चादर, हार-फूल, फल व मिठाई लिए चल रहे थे। बैंड और ढोल-ताशो की धुन पर ओढ़ी वाले बाबा केजायरीन जमकर झूमे।
*हाथ में तख्तीयां और तिरंगा लेकर निकले समाजजन:*
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी जुलूस में सांप्रदायिक एकता का अनोखा नजारा देखने को मिला। एक ओर बच्चे जल है तो कल है… सभी धर्मो का यही संदेश पानी बचाओ बचेगा देश, जन जन का यही नारा, एकता की मिसाल देश हमारा…सारे जहां से अच्छा हिंदूस्तां हमारा जैसे लिखे नारो की तख्तीयां हाथ में लेकर चल रहे थे। वहीं आगे-आगे तिरंगा ध्वज लिए दो युवा चल रहे थे। उर्स कमेटी पेटलावद द्वारा की गई इस अनूठी पहल की नगरवासीयो ने काफी उत्साह के साथ स्वागत करकर सराहना की।
*बैंड मास्टर ने पेश किए बाबा की शान में कलाम:*
राजगढ़ से आए दी-जनता बैंड के मास्टर ने हजरत शेर अली मस्तान ओढ़ी वाले दाता की शान में कलाम पेश किए। उनके कलाम ओढ़ी वाले बाबा की शान ही निराली है, होता है करम उनका दिल में यही ठानी है ने खूब दादा बटोरी। इसके बाद उनके कलाम मैं तेरे इश्क में डूबा हूं इस कदर कि अब मैं मैं नहीं तू ही तू है.. ने खूब दाद बटोरी। मेहमानों ने नजरानों की झड़ी लगा दी।
*कई सामाजिक संगठनो ने किया स्वागत-*
जुलूस नगर के प्रमुख मार्गो से होकर गुजरा। जूलूस का स्वागत जगह-जगह सामाजिक संगठनो ने किया। किसी ने फूलो की बारिश कर, तो किसी ने पानी या शरबत पिलाकर, तो किसी ने आईस्क्रीम बांटकर जूलूस मे शामिल समाजजनो का स्वागत सत्कार किया।
*आस्ताने ओलिया पर पेश की चादर-*
इसके बाद चलो आओ सरकार चादर में’ पढ़ते हुए चादर जुलूस आस्ताने ओलिया पर पहंचा। जहां चादर पेश की गई। दरूद शरीफ पढ़ी गई। उर्स में अकीदतमंदो के पहुंचने का सिलसिला देर शाम तक चला। जुलूस में बुजुर्ग सूफी-संतो और मुस्लिम समुदाय के साथ हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं ने भी शिरकत फरमाकर दरगाह पर अकीदत के फूल चढ़ाकर अमनो-अमान की दुआएं मांगी।
*कल रात ये पढ़ेंगे कलाम-*
उर्स की दूसरी रात कल शुक्रवार को रात 9 बजे बाद शुरू होने वाले महफिले सिमां कार्यक्रम में देश के प्रसिद्ध कव्वाल मुकर्रम वारसी भोपाल (मप्र) व प्रसिद्ध कव्वाल यूसूफ फारूख, जावरा कव्वाल पार्टियां कलाम पढ़ेंगे।