एक के बाद एक राष्ट्रीय पक्षी की हो रही मौते, प्रशासन बेपरवाह

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हरीश राठौड़, पेटलावद
राष्ट्रीय पक्षी मोर के उसके सुरक्षित घर कहे जाने वाले पेटलावद में ही हमेशा खतरा मंडरा रहा है यहां पर आए दिन मोर करंट के कारण मृत्यु का शिकार हो रहे है। बुधवार को भी वार्ड 11 में एक मोर की मृत्यु करंट लगने से हो गई। रहवासियों ने मोर को पशु चिकित्सालय तक ले जाने का प्रयास किया किंतु उसके पहले ही उसकी मृत्यु हो गई। इस संबंध मे मयूर मंच के सचिव जितेंद्र कटकानी का कहना है कि रहवासी क्षेत्र में मोरों के आ जाने से उन्हें कई बार करंट जैसी घटनाओं और कुत्तों का शिकार होना पड़ता है। इसके लिए कई बार प्रशासन से मांग की गई है कि जहां मोर विचरण करते हुए उस क्षेत्र में सुरक्षा के प्रबंध किए जाए तथा कुछ ऐसे स्थान विकसित किए जाए जहां पर मोर सुगमता से रह सके। इसके साथ ही मोरों को घास की बड़ी आवश्यकता होती है। इसलिए ऐसे क्षेत्रों का विकास कर मोरों का सरंक्षण किया जाए, किंतु प्रशासन का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है यहां तक की लंबे अर्से से मोर समिति की बैठक का भी आयङ्क्षजन नहीं किया गया।