वाखला फलिया में तालाब निर्माण की मजदूरी, लेकिन पांच माह से भुगतान के लिए भटक रहे मजदूर, जिम्मेदारों ने झाड़ा पल्ला

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सिराज बंगडवाला, खरडूबड़ी
खरडूबडी से महज 5 किमी दूर गांव लिमखोदरा के वाखला फलिया में आरइएस विभाग ने 25 लाख की लागत से तालाब बनाया गया था जिसमें करीब सौ से ज्यादा मजदूर काम कर श्रमिकों ने मजदूरी की और हाल फिलहाल आधे से ज्यादा मजदूरों की मजदूरी शेष है, मजदूर अब तक मजदूरों के रुपयों का भुगतान करने के लिए बैंक के चक्कर लगाकर थक चुके हैं। मजदूर नर्वेसिंह दुबलिया डामोर, सेनिया कालिया गुमा, मडु पीदिया सिंगार, मोजा उंकार डामोर, पांगला कल्याण डामोर, हुकमा वाखला, अनिता वाखला, वाकी खराड़ी, कलसिंह सिंगाड़, रेमली सिंगार, केगु महोनिया, थावरी गुलसिंह डामोर का कहना का है कि उन्हें पिछले पांच माह से मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है इसलिए वे अब बैंक के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश का मौसम है और खेतों में खाद-बीज की आवश्यकता है उन्होंने रुपयों की सख्त जरूरत है लेकिन उन्हें रुपए नहीं दिए जा रहे हैं। टाइम कीपर मेहरसिंह से संपर्क करने पर वह कहता है कि रुपए बैंक खातों में डाल दिए गए हैं और बैंकों में पहुंचते है तो पता चलता है कि रुपया नहीं आया है। मजदूरों का कहना है कि अब कलेक्टर की जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपनी पीड़ा बयां करेंगे। तालाब का कार्य पहले श्रमिकों से करवा लिया लेकिन अब नियमों को ताक में रख जिम्मेदार विभाग व ठेकेदार ने मिलीभगत कर जेसीबी मशीन व ट्रैक्टरों से कार्य पूर्ण कर लिया गया, जिससे श्रमिकों में आक्रोश है। वहीं आरईएस विभाग का टाइण कीपर मेहरसिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि लिमखोदरा के वाखला फलिया में तालाब निर्माण नहीं करवाया और तालाब निर्माण की लागत पूछी गई तो टाइम कीपर ने मोबाइल का स्वीच ऑफ कर लिया।
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