माता जी का चल समारोह निकालने के बाद मां की घटस्थापना की

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

करोना काल के बाद इस वर्ष पुनः बड़े धूमधाम से राधा कृष्ण मंदिर से  नवयुवक मंडल द्वारा चल समारोह निकाला गया। इस चल समारोह में पिटोल के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी  शामिल होते हैं। पिटोल के अलावा गुजरात राज्य के ग्रामीण अंचलों के लोग भी शिरकत करते हैं। इस चल समारोह को भव्य बनाने के लिए नगर के सभी समाज जनों द्वारा सहयोग राशि देकर नगर की गौरवमई परंपरा को जीवित रखा गया है। इस चल समारोह का भव्य रूप देने के लिए बाहर से कलाकारों को बुलाया जाता है जिसमें अलीराजपुर जिले के टिपरी डांस के कलाकार गुजरात के झालोद से ढोल ताशे वाले वही  राजगढ़ सरदारपुर से शानदार अखाड़ा की कलाबाजी करने वाले अखाड़े के लोगों को बुलाया जाता है।

प्रतिवर्ष अलग-अलग प्रकार के कलाकारों को बुलाकर इस चल समारोह को भव्य बनाया जाता है। इस बार पिटोल गांव के  पास के गांव नागन खेड़ी के युवा उभरते आदिवासी गायक कलाकार अकलेश मछार   द्वारा  शानदार संगीतमय प्रस्तुति दी गई। इस समारोह में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए नगर के सभी समाज द्वारा जगह-जगह पानी की व्यवस्था फूलों और फलों से स्वागत किया जाता है। यह चल समारोह राधा कृष्ण मंदिर से चलकर पिटोल के हर मोहल्ले में भ्रमण कर वापस राधा कृष्ण मंदिर पर आकर समाप्त हो जाता है। इस समारोह में का मुख्य आकर्षण गोधरा से लाई गई माता रानी की बग्गी में माताजी की शानदार मूर्ति को विराजित कर संपूर्ण नगर में दर्शन के लिए घुमाया जाता है। जहां जहां से यह चल समारोह गुजरता है वहां से भव्य स्वागत किया जाता है।