झाबुआ में जिस वक्त स्वास्थ्य मंत्री विभाग की योजनाएं गिना रहे थे उसी समय इलाज के अभाव में वृद्ध रूंगा ने तोड़ दिया दम

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आज मप्र के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट दिनभर झाबुआ में थे और जिस समय वह दोपहर में झाबुआ के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर स्वास्थ्य सुविधाओं को गिनवा रहे थे, लगभग उसी समय झाबुआ जिले के गवसर निवासी वृद्ध रुंगा मचार ने गुजरात रास्ते इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। मृतक रुंगा के पुत्र राजू मचार ने बताया कि उसके पिता की राखी के एक दिन बाद अचानक सर्दी खांसी से तबीयत बिगड़ी थी, तो वह पिता को लेकर पहले पिटोल के निजी चिकित्सालय में गया और वहां फायदा नहीं हुआ तो राणापुर के सरकारी अस्पताल में लेकर आया। यहां तीन दिन उसे भर्ती रखा गया, और आज अचानक उसे कह दिया गया कि यहां कुछ नहीं हो सकता, दाहोद ले जाओ और जब राजू अपने पिता रूंगा को तीन पहिया वाहन से दाहोद ले जा रहा था तभी एमपी-गुजरात बॉर्डर पर गुजरात के कतवारा में रुंगा ने दम तोड़ दिया। बड़ा सवाल यह है कि क्या मप्र का सरकारी तंत्र आदिवासियों व गरीबों का सरकारी अस्पताल में ठीक से इलाज भी नहीं कर सकता। राजू ने बताया कि उसके पिता को बीमारी क्या थी, और क्या इलाज दिया गया..? यह तक उसे नहीं बताया गया। बहरहाल इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं हो सकी, जबकि स्वास्थ्य विभाग का अमला स्वास्थ्य मंत्री की चाकरी में मस्त है।
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