सांसद भूरिया ने रिजर्व बैंक के गवर्नर व संसदीय समिति के अध्यक्ष को कमजोर वर्गों की समस्याओं से करवाया अवगत

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झाबुआ लाइव डेस्क-
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण पर संसदीय समिति की बैठक बुधवार को संसदीय सौध नई दिल्ली में आयोजित की गइ जिसमें अध्यक्ष एवं संसदीय समिति के वरिष्ठ अधिकारी कीरिट सोलंकी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गर्वनर उर्जित पटेल मौजूद थे। इस अवसर पर सांसद कांतिलाल भूरिया ने रिजर्व बैंक के गवर्नर को अवगत करवाया कि एससी/एसटी सहित कमजोर तबकों के कल्याण हेतु जो भी सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित है धरातल पर वे प्रभावी रूप से लागू नहीं हो रही है। इस दौरान कमजोर वर्गों को लाभ सरकारी योजनाओं का नहीं मिल पा रहा है। सांसद भूरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के कच्चे मकान तोड़ दिए गए और उन्हें घर से बेघर कर दिया गया योजना में राशि स्वीकृत की है वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है जिससे गरीब अब बेघर है। बैठक के दौरान सांसद भूरिया ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के बैंकों को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति सहित कमजोर वर्गों को अपने-अपने एएनबीसी का कम से कम 10 फीसदी उधार देने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन पर बैंकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं। बैंक यह सुनिश्चित करे कि लाभार्थियों में 50 फीसदी अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग है तथा स्थानीय आबादी में उनकी संख्या के स्तर को ध्यान में रखते हुए उन्हें उधार देने की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 जुलाई के मास्टर परिपत्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाओं के संबंध में आवेदन पत्रों को शाखा स्तर की बजाय अगले उच्चतर स्तर पर अस्वीकृति कर दिया जो कारणों को स्पष्ट करना चाहिए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ऋण सुविधाओं पर भारतीय रिजसर्व बैंक के मास्टर परिपत्र के पैरा 2.5 के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया है वह जनजातीय कार्य मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में स्थापित क्रमश: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम तथा राष्ट्र्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम को अपेक्षित लक्ष्य प्राप्ति के लिए सभी जरूरी संस्थागत सहायता प्रदान करे। वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के गरीब मेधावी छात्रों को शिक्षा ऋण के लिए क्रियाविधि, पात्रता मापदंड, पाठ्यक्रम आदि भारतीय बैंक संघ द्वारा उच्चतर अध्ययन के लिए अनुसूचित वाणिज्यक बैंकों द्वारा अपनाई जाने के लिए बनाए गए मॉडल शिक्षा ऋण योजना 2015 में निर्धारित किए गए हैं। इसका उद्देश्य है कि सभी मेधाव छात्रों को उच्चतर अध्ययन के लिए जरूरी आधारित वित्त उपलब्ध कराना है।