संघ का दबाव ओर सरकार का डर जारी है।

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चंद्रभानसिंह भदोरिया ( लेखक टीवी पत्रकार & सोशल एक्टिविस्ट है लेख उनके फैसबुक पेज से साभार लिया है ) 

क्या झाबुआ जिले मे ” बालाघाट- पाट॔- 2 ” का दोहराव है ?
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बुधवार रात ” झाबुआ ” जिले के ” पेटलावद ” मे हुई माइनर हिंसा के बाद मामला गुरुवार को ” आरएसएस विरुध्द पुलिस ” मे परिवर्तित हो गया । गुरुवार दिनभर पेटलावद मे धरना – चक्काजाम हुआ तो शुक्रवार को संघ ने झाबुआ जिला बंद कर जिले भर मे चक्काजाम कर दिया । संघ की मांग है कि पेटलावद के एसडीओपी राकेश ओर टीआई के एस शक्तावत के निलंबन की या खुद को सोंपे जाने की मांग जारी है । मै जो समझ पा रहा हुं वह यह है कि पेटलावद मे संघ ” बालाघाट पाट॔ -2 चाहता है यानी एसडीओपी – टीआई का निलंबन हो । खुद बीजेपी के जिलाध्यक्ष दोलत भावसार कल से मीडिया की यह बयान दे रहे है कि उनकी गृहमंत्री से बात हो चुकी है ओर कारवाई होगी । बकौल दोलत भावसार आज देर रात यह फैसला आ सकता है सरकार की ओर से । मगर मेरा निजी आकलन यह है कि बालाघाट पाट॔ -2 पेटलावद नही हो पायेगा क्योकि भूपेंद्र सिंह ओर सरकार ने जिस तरह से मामला दज॔ करवाकर एएसपी ओर टीआई सहित कई पुलिसकर्मीयों को निलंबित कर मामला दज॔ किया था ओर एसपी ओर आईजी को हटा दिया गया था उससे पुलिस विभाग मे खासी नाराजगी हुई थी बताते है कि आईपीएस एसोसिएशन ने सरकार को दो टुक कह दिया था कि इससे पुलिस का मनोबल कमजोर होगा । मगर चूंकि सरकार संघ के दबाव मे फैसला ले चुकी थी ओर शायद संघ की राय मानना इस दोर मे सीएम शिवराज की भी मजबूरी है लिहाजा संघ की बालाघाट मे अच्छी चल गयी । अब बालाघाट पाट॔ -2 यानी पेटलावद माना जा रहा है इसलिए सरकार ( गृहमंत्री ) बालाघाट जैसी कारवाई से बचेगी यही कारण है कि संघ को 40 घंटे हो चुके है मगर गृहमंत्री या सरकार एक्शन नही ले रही है जबकि बीजेपी जिलाध्यक्ष से लेकर विधायक कलसिंह एंव शांतिलाल भी धरने मे शामिल होकर टीआई ओर एसडीओपी के निलंबन की मांग कर रहे है । मतलब साफ है कि सरकार फूंककर कदम उठाएगी । मगर संघ को नाराज करना या पुलिस को ? इसका फैसला अब 24 घंटे के भीतर ही सरकार को लेना होगा । क्योकि अब तक तो मोदी के भोपाल आने का बहाना था लेकिन अब तो वे जा चुके है इसलिए अब बहाना कुछ भी नही चलेगा । देखना यह भी होगा कि संघ इस मामले मे कमजोर बनकर उभरता है या मजबूत ? या समझोता कर कुछ नरम पडता है सवाल यह भी है कि अगर सरकार निलंबन ना करे ओर सिफ॔ हटा दे तो क्या संघ संतुष्ट हो जायेगा ? इस मामले मे मेरा यह भी मानना है कि पुलिस ने पेटलावद मामले को खुद ही उलझाया है जितना पैनिक था नही उससे ज्यादा लोड लिया गया ओर यह भी सच है कि पुलिस ने पूरवाग्रह पूव॔क मारपीट तो की है । चोटो के निशान ओर 151 मे बुक कर तत्काल जमानत देना भी यही साबित करता है ।