रेत ट्राला पकडऩे से नाराज चालक ने साथियों से मिलकर किया माइनिंग इंस्पेक्टर का अपहरण

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जितेंद्र वाणी, नानपुर/पियुष चंदेल अलीराजपुर

अलीराजपुर जिले में अवैध कारोबारियों के हौसले कितने बुलंद है इसकी बानगी कल देखने को मिली। अवैध रूप से रेत परिवहन कर रहे एक ट्रक को पकडऩा अलीराजपुर में पदस्थ माइनिंग इंस्पेक्टर को भारी पड़ा उस ट्रक के चालक ने अपने साथियों के साथ मिलकर माइनिंग इंस्पेक्टर का अपहरण कर लिया और उसे जंगल में उन खदानों पर ले गए जहां, अवैध माइनिंग हो रही थी और सवाल पूछा कि इस पर कार्रवाई क्यों नहीं करते? करीब दो घंटे तक अपने साथ इधर उधर घुमाने के बाद अपहरणकर्ताओं ने माइनिंग इंस्पेक्टर को छोड़ दिया। एसपी विपुल श्रीवास्तव ने बताया कि कल तड़के माइनिंग इंस्पेक्टर शैलेष किराड़े अलीराजपुर से नानपुर रोड एक ट्रक को पकड़ा था और कार्रवाई के लिए उसे अलीरजपुर कोतवाली लाकर खड़ा कर दिया इसके बाद फिर से माइनिंग इंस्पेक्टर किराड़े अपने चालक के साथ फिर से नानपुर रोड स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप के समीप जाकर कार्रवाई के लिए खड़े हो गए। इसी दौरान सुबह पकड़े गए ट्रक का चालक दीपक पिता भारतसिंह धार जिले के अपने करीब एक दर्जन साथियों के साथ जीप से आया और रिलायंस पेट्रोल पंप पर खड़े माइनिंग इंस्पेक्टर किराड़े और उनके चालक को जबरन अपने साथ लेकर जंगल की ओर रवाना हो गए। अपहरणकर्ता छोटे-नालों एवं नदियों में हो रहे रेत के उत्खनन को माइनिंग इंस्पेक्टर को दिखाते रहे तथा यह कहते रहे कि हमेशा उनको ही क्यों टारगेट किया जाता है? ऐसे अवैध उत्खनन पर कार्रवाई क्यों नहीं करते हो? बाद में अपहरणकर्ताओं ने माइनिंग इंस्पेक्टर को चालक समेत छोड़ भी दिया। माइनिंग इंस्पेक्टर किराड़े की रिपोर्ट पर अलीराजपुर कोतवाली पुलिस ने आरोपी दीपक पिता भारतसिंह समेत उसके एक दर्जन साथियों के खिलाफ अपहरण, शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

अलीराजपुर लाइव व्यूह-
दरअसल प्रथम दृष्टया कानून यह मामला शासकीय कार्य में बाधा डालने या अपहरण का हो सकता है। लेकिन जैसा कि अपराधों की विवेचना में महत्वपूर्ण होता है इंटेंशन इस मोस्ट। यानी की आरोपियों की भावना क्या थी? इस लिहाज से अगर देखे तो यह अपहरण का मामला नहीं है। बल्कि व्यवस्था के खिलाफ जनमानस में बढ़ते आक्रोश का मामला है। जब कोई भी विभाग या अफसर लगातार अपनी मूल जिम्मेदारी से विमुख होकर टारगेटे कार्य करता है तो तथा कार्रवाई में भेदभाव करता है तो समाज के एक हिस्से में आक्रोश पनपता है और इस प्रकार की घटनाएं आक्रोश का ही परिणाम है। अलीराजपुर लाइव माइनिंग इंस्पेक्टर को उसकी इच्छा के खिलाफ जंगल में ले जाकर घुमाने का समर्थन नहीं करता है, लेकिन यह मंथन का विषय है कि लोगों में निराशा और सिस्टम के प्रति आक्रोश क्यों पनप रहा है? और क्यों लोग कानून को हाथ में लेने पर इस प्रकार आमादा हो जाते हैं।

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