मुख्यमंत्रीजी आखिर कब थांदला नगर परिषद मे कब थमेगा

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झाबुआ लाइव के लिए थंादला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चोहान ने सरकारी विज्ञापनो के माध्यम से इस प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का वादा जनता से किया था। उन्होने कहा था कि या तो प्रदेश मे भ्रष्टाचारी रहेगें या शिवराज। परन्तु भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली परिषद ने मुख्यमंत्रीजी के सपनो को चकनाचूर कर दिया। आश्चर्य इस बात का है कि वर्तमान भाजपाई परिषद मे लाखो के घपले-घोटाले उजागर हो चुके, परिषद अध्यक्ष ने शासन व जनमानस के साथ धोखाधड़ी की है, लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया जा चुका है, अध्यक्ष फर्जी जाति के मामले मे सभी जांच मे दोषी साबित हो चुकी है उसके बावजूद अपने पद पर जमी होकर न केवल वित्तीय अधिकारो का दुरूपयोग कर रही अपितु भाजपाइयो मे फूट डालने के साथ उनका कांग्रेसीकरण करती जा रही है। लगता है कि प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का मुख्यमंत्रीजी का वादा केवल नारा बन कर भ्रष्टाचारियो को संरक्षण प्रदान करने वाला दिखाई दे रहा है ?
-मुख्यमंत्रीजी इन बिंदुओ पर गौर करे –
– प्रदेश के इतिहास मे पहली बार आपकी ईमानदारी और सर्वांगीण विकास के वादे पर जनता ने थंादला नगर पालिका मे अध्यक्ष सहित परिषद को पूर्ण बहुमत प्रदान किया।
– मुख्यमंत्रीजी आपने बीते तीन वर्षो मे थंादला नगर परिषद को विकास कार्यो के लिए भरपूर राशि आवंटित की जिसका भरपूर दुरूपयोग हुआ है जो जिला कलेक्टर की जांच से लेकर लोकायुक्त जांच मे भी साबित हो चुका व लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार का प्रकरण भी दर्ज किया गया।
– मुख्यमंत्रीजी नगरीय निकाय चुनाव के पूर्व तक कांग्रेस व कांतिलाल भूरिया के इर्द-गिर्द घुमने वाला एक शराब माफिया भाजपा मे शामिल होकर अपनी पत्नी को फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर अपनी काली कमाई से परिषद का अध्यक्ष बना बैठा जो जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, आदिवासी विकास विभाग की जांच मे भी दोषी पाया जा चुका है, जिसने आदिवासी के हक पर डाका डाल शासन व आम जनमानस के साथ छल कपट व अपराध किया है।
– मुख्यमंत्री जी पुलिस रेकार्ड मे निगरानीशुदा बदमाश के रूप मे दर्ज रहे अपराधी प्रवृति के इस अध्यक्ष पति ने अपनी पत्नी के अध्यक्ष बनने के बाद पुराने कांग्रेसी तेवर दिखाते हुऐ भाजपाइयो मे ही फूट व विवाद पैदा करने शुरू किये जिसके उदाहरण सैकडो भाजपा कार्यकर्ता है।
– मुख्यमंत्रीजी कभी गैस की टंकियां व द्याराब के क्वार्टर ब्लैक करने वाला अध्यक्ष पति आज करोड़पति बनकर अपने अवैध धन के बल पर कांग्रेसी पार्षदो से सांठगांठ कर उन्हे अनुचित लाभ पहुंचा रहा है व अनैतिक कार्यो का विरोध करने वाले अपने ही भाजपाई पार्षदो को अपमानित कर रहा है इसके अनेक ज्वलंत उदाहरण व प्रमाण स्थानीय भाजपा नेताओ के पास मौजूद है।
मुख्यमंत्रीजी आपके थंादला आगमन के 48 घंटे पूर्व 25 अगस्त को थंादला नगर परिषद मे जो कुछ हुआ व न केवल शर्मनाक है अपितु परिषद के 100 वर्षे के इतिहास मे कलंक है। भ्रष्टाचार व अनैतिक कार्यो का विरोध करने वाले भाजपा पार्षद पर ही जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया। इनके समर्थक पार्षदो व पार्षद पतियो द्वारा अपशब्दो का प्रयोग किया गया जो आडियो-वीडियो के रूप मे सोशल मीडिया पर वायरल होकर चल रहा है।
– मुख्यमंत्रीजी परिषद अध्यक्ष के बदनामशुदा पति द्वारा कांग्रेस पाषर््ादो से सांठगांठ कर भाजपा की ही महिला उपाध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखवाया गया व भाजपा पार्टी व्हीप का उल्लंघन कर उनके विरूध अपने समर्थको से मतदान करवाया गया जिसका प्रमाण जिला भाजपा के पास है।
– मुख्यमंत्रीजी तीन वर्ष के कार्यकाल मे इस परिषद ने पूरे प्रदेश मे भ्रष्टाचार का अनूठा रेकार्ड बनाया है जिसके उदाहरण व जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन व लोकायुक्त की फाइलो मे दर्ज है।
– मुख्यमंत्रीजी आपने थंादला नगर की जल समस्या के स्थाई निदान हेतु 14 करोड़ की राशि इस नगरीय निकाय को प्रदान की है परन्तु उक्त योजना इस भ्रष्ट परिषद के रहते क्रियांवित होती है तो उसमे बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार होने से इनकार नही किया जा सकता है इस परिषद के भ्रष्ट कारनामो को देखते हुए जनहित मे नल-जल योजना के उचित क्रियानवयन की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग को एजेंसी नियुक्त करे। यह नगर की आम जनता व जमीन से जुड़े भाजपाइयो के मन की भावना है अन्यथा योजना का सही लाभ जनता को न मिलते हुए भ्रष्टाचार की भेंट चढ जाएगी।
– मुख्यमंत्रीजी कांग्रेस से अनुशासित माने जाने वाली भाजपा मे आये इस दम्पति मे छल-कपट भरा है इसका ताजा उदाहरण 19 अगस्त का वह दिन है जिस दिन फर्जी जाति की शिकायत के निर्णायक दौर पर परिषद अध्यक्ष को भोपाल मे अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग की छानबीन समिति के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश थे परन्तु इन्होने छलकपट पूर्वक अपने प्रतिनिधि के माध्यम से गंभीर बीमारी का मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर छानबीन समिति को भी गुमराह किया है जबकि 18 अगस्त से आज दिनांक तक अध्यक्ष स्वस्थ स्थिति मे यही पर मोजूद होकर लगातार सार्वजनिक, धार्मिक, राजनितिक तथा परिषद के कार्यक्रमो व बैठको मे भाग ले रही है जिसके प्रमाण फोटो व वीडियो के रूप मे मौजूद है।
– मुख्यमंत्रीजी नगर की आम जनता मे चर्चा है कि इतना भ्रष्टाचार व विवादास्पद होने के बाद भी फर्जी व छलकपट पूर्वक अध्यक्ष का पद पर बने रहना तथा कोई कार्रवाई नही होना, उसे वितिय अधिकारो से वंचित नही करना कही पार्टी व शासन का संरक्षण तो नही? अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय मे यह अवसरवादी कभी भी वापस कांग्रेस का दामन थाम सकता है परन्तु उसका खामियाजा भाजपा को आने वाले नगरीय निकाय चुनाव मे भुगतना पड़ सकता।