प्रसिद्द चिकित्सक डा भाटी ने अपनी देह दान का एलान किया

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झाबुआ Live डेस्क की EXCLUSIVE गुड न्यूज ।

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आदिवासी बहुल झाबुआ जिले मे विगत 45 सालो से मानव स्वास्थ्य को लेकर सेवाऐ दे रहे प्रसिद्ध चिकित्सक डा एम एल भाटी ने मृत्यू उपरांत अपनी देह को दान देने का एलान कर दिया है इंदौर के  MGM कालेज को यह देह दान मे देने का लिखित एलान उन्होंने कर दिया है । झाबुआ Live से बात करते हुऐ ” डा एम एल भाटी” ने कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिए काम करते हुऐ उनका जीवन गुजरा है ओर वे चाहते है कि उनकी मृत्यु उपरांत भी उनकी देह मानव जाति के स्वास्थ के लिऐ काम आये इसलिए अपने परिवार की सहमति से उन्होंने इंदौर के  MGM कालेज को देह दान करने का फैसला लिया है ताकी उनकी देह के हर अंग से परीक्षण की क्रिया मे मेडिकल के विद्यार्थी कुछ ना कुछ सीख सके ओर सीखकर मानव स्वास्थ्य की बेहतरी कर सके । डा भाटी की इस पहल का समाज में व्यापक स्वागत किया जा रहा है ।

जानिए डा भाटी को —

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डा भाटी मूलत खरगोन जिले के निवासी थे लेकिन डाक्टर बनते ही वे झाबुआ जिले मे डाक्टरी करने आ गये जबकि उनकी योग्यता ओर प्रतिभा को देखते हुए उन्हें कई बडे शहरो मे बडे अस्पतालों से आकर्षक पैकेज आये मगर उन्होंने आदिवासी अंचल मे ही चिकित्सा सेवा देने का फैसला किया । राणापुर को उन्होंने कम॔स्थली चुना ओर कई पेचीदा केसों को हल कर लोगो का जीवन बचाकर सुर्खीया बटोरी । बीएमओ के रुप मे सालो सेवाए देने केस बाद वे विगत एक दशक पहले सेवानिवृत हो गये थे लेकिन यहा सेवन जाने की बजाय उन्होंने राणापुर मे ही ” सिम्पेथी डे क्लिनिक ” शुरु किया जो आज भी सफलता पूर्वक संचालित है अभी तक वे हजारो छोटी – मध्यम – बडी सज॔रीया कर चुके है । इलाके मे आम लोगो मे धारणा है कि डाक्टर भाटी जो सलाह दे उसे मानकर ही काम करना है उनके रहते अंचल से गुजरात जाने वाले मरीजो की संख्या बेहद कम है ओर ज्यादातर वे मरीज ही जाते है जिन्हें डा भाटी खुद वहा जाने की सलाह इसलिए देते है क्योकि यहां तकनीकी संसाधन ओर मशीने कम होती है ।