प्रदेशाध्यक्ष भाजपा के केवल नंद है जबकि कांग्रेस विकास का स्कंद हैः कांग्रेस ने किया पलटवार

- Advertisement -

B_Id_382135_congress_party
झाबुआ डेस्क। स्वास्थय मंत्री नरोत्तम मिश्रा की आड में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार चोहान ने रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र में निकट भविष्य में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर झाबुआ जिले का हैलीकाॅप्टर से भ्रमण कर ना केवल शासकीय खजाने पर डाका डाला है वहीं प्रदेशाध्यक्ष ने झाबुआ-थांदला का चुनावी दौरा कर भाजपा की इस संसदीय क्षेत्र से धरती खिसकने को लेकर मतदाताओं को गुमराह करने के लिए कांग्रेस के विरूद्व अनरगल बयानबाजी करने पर झाबुआ जिला कांगे्रस कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस डूबता हुआ दीपक नहीं है यह तो तूफान में भी रोशनी देने की क्षमता रखती है। और इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस द्वारा किए गए विकास कार्यों का एक बहुत बडा स्कंद है। नंदकुमार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष होकर अभी बाल्यावस्था में होकर नंद के रूप में है। जिनमें राजनैतिक सूझबूझ का अभाव है। पेटलावद ब्लास्ट कांड में कभी तो वे पूर्व सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के पुत्र डाॅ. विका्रंत भूरिया के साथ कासवा का संबंध जोडते हैं तो कभी भूरिया को कासवा का संरक्षक बतातें है। वस्तुस्थिति यह है कि पीछले 12 वर्षाें से भाजपा प्रदेश में सत्ता में काबिज है और उसी के संरक्षण में कासवा जैसे भ्रष्ट व्यवसायी, अधिकारी पनपे है।जिनकी वजह से पेटलावद में निर्दाेष लोगों की ब्लास्ट कांड में दर्दनाक मौतें हुई वहीं कई परिवार असतता के शिकार हो गए है। कहने को तो एसआईटी एवं न्यायिक जांच जैसे आदेश जारी कर जनता के बीच भुलावे की राजनीति भाजपा की ओर से की जा रही है और अपराधी आज तक पुलिस की गिरफत से बाहर है। जो भाजपा की एवं प्रदेशशाषन की कथनी व करनी पर अनेक प्रश्न चिन्ह उभर रहें है।
स्वास्थय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने न तो थांदला-झाबुआ के चिकित्सालयों का निरिक्षण किया और ना ही स्वास्थ्य अधिकारियों की कोई बैठक जिला कार्यालय में आमंत्रित की और न ही पेटलावद ब्लास्ट में प्रभावी पीडित मरीजों की कुशल क्षेम के लिए रूबरू हुए। स्वास्थ्य मंत्री का यह आचरण पीडितों व दुःखियो के लिए किस ओर संकेत करता है। स्पष्ट रूप से क्षेत्र के आमलोग जान गए।
प्रदेशाध्यक्ष ने उक्त सभाओं में आरोप लगाया कि कांग्रेस के पाप का घडा भर चुका है और फुट चुका है। जबकि वस्तुस्थिति यह है कि व्यापम घोटालें में प्रदेश के नवयुवक बैरोजगार हो कर इधर उधर भटक रहें है और करोडों का भ्रष्टाचार करने वाले आज भी स्वत्र रूप से भाजपा तथा उसकी सत्ता में कुंडली मार कर बेठे हुए है। देश के सर्वाेच्च न्यायालय में व्यापम के भ्रष्टाचार को बहुत गंभीरता से लेते हुए सीबीआई से जांच के निर्देश दिए है किंतु उसमें भी भाजपा की सत्ता के लोग जांच में अनरगल रूप से व्यवधान डालतें हुए पाए गए वहीं 90 दिन के समयावधि में आरोप पत्र न्यायालय में तथाकथित आरोपियों के विरूद्व प्रस्तुत ना करने से ऐसे तत्वों को सहज रूप से जमानत की पात्रता प्राप्त हो गई। जो भाजपा के कुशाषन तंत्र का एक प्रतिक है। शुन्य प्रतिशत पर मुख्यमंत्री की ब्याज योजना पर पलटवार करते हुए सुश्री भुरिया ने कहा कि प्रदेश की बैंकों में प्रदेश शाषन के दखलंदाजी से मध्यप्रदेश शाषन का प्रदेश की विभिन्न बैंको पर 1600 की लेनदारी बकाया है जिसका खुलासा पीछले दिनों बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समाचार पत्रों में किया गया । सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को प्राप्त होने वाला अनाज अनाज माफियाओं के माध्यम से बाजारों में खुले रूप से बीक रहा है जबकि क्षेत्र का गरीब आदिवासी इन दुकानों से दाने-दाने का मोहताज बन गया है। जिसका ज्वलंत उदाहरण पीछले माह स्वयं पूर्वसांसद भुरिया ने सोसायटी का निरीक्षण कर ग्रामीण जनों ने अपनी दुविधा का बयान किया। कैरोसीन, शक्कर तथा गेहुं आदि अनाज की भारी काला बजारी भाजपा के लोगों द्वारा की जा रही है। तो दुसरी ओर मनरेगा जैसी योजनाएं बंद कर तथा सरपंचों के अधिकारों का हनन कर भाजपा कोनसा पुण्य का काम कर रही है।