झाबुआ – की राजनीतिक हलचल

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अशोक बलसोरा @संपादक

अब इस हार की जिम्मेदारी किसकी ?
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केंद्र & राज्य मे सत्तारुण बीजेपी झाबुआ ग्रामीण मे पिछड़ रही है अब झाबुआ विधानसभा के 30 % हिस्से को कवर करने वाले वाड॔ नंबर 5 मे बीजेपी फिर निपट गयी । अब बीजेपी मे झगड़ा इस बात का बढ गया कि हार का ठीकरा किस पर फोडा छाये ? झाबुआ विधायक शांतिलाल बिलवाल के लिए यह सबसे बड़ा सबक ओर शायद संकेत है । अब दोलत भावसार को भी जवाब तो देना ही होगा ! क्योकि जीत का श्रेय तो वह दोडकर लेना चाहते है !

आखिर मंथन मे निकला क्या ?
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जिला पंचायत वाड॔ 5 का चुनाव हारने के बाद ” राजगढ़ नाका” भाजपा की एक मंथन बैठक परसों दोपहर एक स्कूल मे हुई ..जिसमें बताते है विधायक बिलवाल ; शैलेश दुबे ; मनोहर सेठिया ; प्रवीण सुराना ; आदि शामिल हुए लेकिन नतीजा क्या आया यह पता नहीं चला लेकिन यह जरुर हुआ कि जिलाध्यक्ष ने विधायक से फोन पर इस तरह की बैठके करने पर आपत्ति जताई जिसे विधायक ने फोन काटकर खारिज कर दिया ।

तो क्या ” सुनिता गोविंद अजनार होंगी चेहरा ?
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झाबुआ विधानसभा मे विधायक का टिकट बदलना पडेगा यह तमाम सर्वे ; नगर पालिका चुनाव परिमाण ओर जिला पंचायत वार्ड 5 के उपचुनावों के साथ साथ विधायक शांतिलाल बिलवाल के कुछ निजी विवादों ने साबित कर दिया । खबर है कि मुख्यमंत्री सहित बीजेपी आलाकमान ने तय कर लिया है कि नया चेहरा लाना होगा ओर राणापुर नगर परिषद की अध्यक्ष सुनिता गोविंद अजनार पर निगाहें पार्टी की टिक रही है दरअसल दो बार नगर परिषद की अध्यक्ष बनी है उनके परिवार की भारी प्रोफाइल भी उनका वजन बढा रही है पति भी नगर परिषद अध्यक्ष यह चुके है उनकी सास राणापुर जन पद अध्यक्ष है ओर संगठन मे भी उनका परिवार बढचढकर काम करता रहा है ओर नगर परिषद चुनाव प्रचार मे सुनिता गोविंद ने मुख्यमंत्री के सामने जो भाषण दिया था उससे खुद शिवराज गदगद होकर गये थे । ओर इस बार राणापुर विकासखंड का हक भी बनता है दूसरे अन्य दावेदारों मे भानू भूरिया ; मैगजी अमलियार & कल्याण डामोर के नाम भी है ।

इधर महामंत्री नहीं जीता पाये वाड॔
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बात जब बीजेपी की चल रही है तो बीजेपी का संगठन संभाल रहे लोग कितने कमजोर है इसकी बानगी भी सामने आती है एक महामंत्री को भाजपा मुक्त कर चुके है दूसरे महामंत्री मेघनगर रहते है ओर अभी नगर परिषद के वाड॔ नंबर 4 को वे नहीं जीता पाये है अब हार का ठीकरा वह राजू डामोर पर यह कहते हुए फोड रहे है कि राजू ने कांग्रेसी उम्मीदवार से रिश्तेदारी निभाकर बीजेपी को डूबो दिया ।

बीजेपी की ” विकास संवाद यात्रा ” कब ओर कोन निकालेगा?
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डाक्टर विक्रांत भूरिया की आदिवासी जन चेतना यात्रा तो हिट हो रही है लेकिन भाजपाई इसे चुनावी यात्रा मानकर इसकी जमकर आलोचना कर रही है भाजनाई कह रहे है कि विकास जमकर हुआ है तो सवाल बनता है कि साहब विकास बताने के लिए भाजपा यात्रा कब निकाल रही है ? ओर कोन इस यात्रा को लीड करेगा ? कोई विधायक या खुद दोलत भावसार ? जवाब का इंतजार है !!

अब मुंह छुपाने को मजबूर होते ” कांग्रेसी”
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झाबुआ के आला से लेकर सामान्य कांग्रेसी इन दिनों नगर पालिका झाबुआ का नाम सामने आते ही मुंह छिपाते भी है ओर बनाते भी है । दरअसल कांग्रेस की रणनीति कुछ ऐसी थी कि धनसिंह से गुस्साई जनता ने कांग्रेस का 20 साल का वनवास समाप्त करते हुए सत्ता सोंपी ..कांग्रेस ने इस बार लंबे लंबे वायदो का विकासपत्र जारी किया था मगर चुनाव जीतते ही उस विकास पत्र को लगता है “अनास” नदी मे फेंक दिया गया ओर कांग्रेस के नेताओं को ठेंगा बताकर N & उनकी कंपनी लग गयी अपने काम मे ! काम जनता को कुछ होते दिखता तो ठीक था काम रियल मे ना होकर दूसरे चल रहे है ओर 150 दिन मे ही झाबुआ नगर पालिका परिषद अलोकप्रिय हो चली है ओर अब कांग्रेसियो को पब्लिक को जवाब देते नहीं बन रहा है !