चिन्मय ज्योति यात्रा 16 को झाबुआ मे

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14 jhabua thandla photo-07 झाबुआ – पूज्य स्वामी चिन्मयानंदजी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष मे आयोजित चिन्मय ज्योति यात्रा का शहर में 16 नवंबर को आगमन हो रहा है। यह यात्रा गुजरात की सीमा से होते हुए मप्र की सीमा में प्रवेश करते हुए सर्वप्रथम पिटोल पहुंचेगी। यहां यात्रा का भव्याति भव्य स्वागत किया जाएगा। यात्रा 25 हजार किमी का सफर तय करेगी। समापन 31 दिसंबर को होगा। यह जानकारी झाबुआ राज दरबार के पूर्व महाराजा एवं डेली काॅलेज इंदौर के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह ने शनिवार को झाबुआ के राज महल में आयोजित पत्रकारवार्ता मे दी। नरेन्द्रसिंहजी ने बताया कि यह यात्रा राष्ट्रीय स्तर पर निकाली जा रहीं है। ज्योति यात्रा का आगमन मप्र के झाबुआ से ही 16 नवंबर को हो रहा है। पिटोल में प्रवेश पर यात्रा के भव्य स्वागत पश्चात यात्रा झाबुआ में प्रवेश करेगी। यहां भी भव्य स्वागत किया जाएगा।
 25 हजार किमी का सफर तय करेगी यात्रा – नरेन्द्रसिंह ने बताया कि यह यात्रा 25 हजार किमी की है एवं 160 शहरों से होकर निकलेगी। पूज्य स्वामी चिन्मयानंदजी ने 1953 में चिन्मय मिशन की स्थापना की। इनकी 300 शाखाएं देश ओर विदेशो मे भी विस्तारित हो चुकी है। पूज्य स्वामीजी चिन्मयानंद ने पुणे से ज्ञान यज्ञ की शुरुआत की और अब तक उन्होने 700 ज्ञान यज्ञ किए। आम-अवाम के बीच आध्यात्मिक चेतना जाग्रत की। परमार्थ साधन चिन्मयानंदजी महाराज के संदेश में है।
केरल से हुई यात्रा की शुरुआत – महाराजा ने बताया कि उक्त यात्रा की शुरूआत केरल से हुई। यहां से प्रदर्शनी के रूप में यात्रा सुसज्जित रथ से निकली है। यात्रा अब तक केरल, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात से होते हुए मप्र में सर्वप्रथम झाबुआ में प्रवेश कर रहीं है। रथ यात्रा का नेतृत्व पूज्य स्वामी मित्रानंद करेंगे। इस रथ के साथ पूज्य स्वामी राघवानंदजी एवं दर्जनों लोग शामिल रहेंगे।
 झाबुआ में यह होंगे कार्यक्रम – नरेन्द्रसिंह ने बताया कि झाबुआ में यात्रा के प्रवेश कर पर चिन्मय ज्योति यात्रा का दर्शन कार्यक्रम रखा जाएगा। इसके साथ ही राज महल में शाम 6 बजे पादुका पूजन होगी। पश्चात् स्कूली विद्यार्थियां द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इस अवसर पर महाराजा ने समस्त पत्रकारो सहित शहर के नागरिक से भी इन सभी कार्यक्रमों में शामिल होने का निमंत्रण दिया।