आबकारी नीति आदिवासी समाज को बदनाम करने की साजिश -सांसद भूरिया

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प्रदेश सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ मोर्चा खोला “भाजपा” सांसद भूरिया नें

-कहा आबकारी नीति आदिवासीयों को बदनाम करने की बताई साजिश  ॥

झाबुआ आजतक डेस्क ॥ रतलाम के सांसद एंव एसटी-एससी आयोग के पूर्व चेयरमेन ” दिलीपसिंह भूरिया अब अपनी ही पार्टी द्वारा शाशित “मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ हो गये है ओर सरकार की आबकारी नीति पर ही सवाल खडे कर दिये है भूरिया ने प्रदेश सरकार के आबकारी महकमे पर आरोप लगाया कि मुनाफा कमाने के लिऐ उसने गांधी ओर मोदी के गुजरात मे आसानी से शराब भिजवाने के लिओ ऐसे गांवों मे अंग्रेजी शराब की दुकाने बिना ग्राम सभा के प्रस्ताव के खुलवा दी जहाँ ज्यादा आबादी नही है लेकिन वह गुजरात से सटे इलाके है । भूरिया ने कहा कि शराब बाड॔र पर खोली गई इन दुकानो के जरिए गुजरात भेजीषजा रही है लेकिन बदनाम अलीराजपुर ओर झाबुआ जिले का आदिवासी हो रहा है क्योकि रिकार्ड मे शराब वह पी रहे है । झाबुआ लाइव से खास dilipsing+bhuriya बातचीत मे भूरिया ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिह से मिलकर पूरा मामला उनके संज्ञान मे लायेगे ओर कडी चिठ्ठी भी लिखेगे । दरअसल भाजपा सांसद दिलीपसिंह भूरिया को आदिवासी समाज का कददावर नेता माना जाता है ओर भूरिया इसलिए नाराज है कि गुजरात से सटे उनके संसदीय क्षेत्र के अलीराजपुर ओर झाबुआ जिले ने आबकारी विभाग को 250 करोड का राजस्व टेंडर प्रक्रिया के जरिऐ किये गये शाशकीय शराब दुकानों के आंवटन मे दिया है भूरिया के अनुसार इतना ही लाभ ठेकेदार कमायेगा तो इससे आदिवासी समाज का कोई भला होने वाला नही है । सांसद भूरिया ने यह मांग शिवराज सरकार से की है कि “आदिवासी अंचल” में आदिवासीयो की पूजा शैली मे महुआ की शराब का महत्व है ओर महुआ के साथ स्थानीय आदिवासीयों का परंपरागत मादक पेय पदार्थ रहा है ओर पांच लीटर शराब पकाने की उन्हें छुट भी है फिर अलीराजपुर ओर झाबुआ जिले मे आबकारी विभाग को अंग्रेजी शराब की जरुरत ही क्या है ? गोरतलब है कि इस वित्तीय वर्ष में अलीराजपुर जिले ने पूरे मध्यप्रदेश मे आबकारी विभाग को तय आरक्षित मूल्य से सबसे अधिक 177 % अधिक राजस्व दिया है ओर झाबुआ दुसरे स्थान पर है जिसने 118% अधिक राजस्व दिया है ।