रथयात्रा में दिख रहा सभी जाति-धर्म के लोगो का संगम, कल कट्ठीवाड़ा में होगी बिरसामुण्डा की मूर्तिस्थापना

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पियुष चन्देल, अलीराजपुर

कल 15 नवम्बर को राष्ट्र गौरव भगवान बिरसामुण्डा की 144वी जयंती है, और इसके एक हफ्ते पहले से ही जिलेभर में उत्साह व जोश के साथ त्यौहार का माहौल बना हुआ है। गत 10 नवम्बर से आदिवासी बाहुल्य जिले अलीराजपुर के प्रत्येक ब्लॉक, तहसील व कस्बे में भृमण कर रही महामानव, कांतिसूर्य भगवान बिरसामुण्डा की रथयात्रा को काफी सम्मान मिल रहा है। जगह जगह छोटे छोटे गावों में भी फूलमालाओं, बच्चों द्वारा पुष्प वर्षा द्वारा इस रथयात्रा का पारंपरिक रूप से भव्य स्वागत किया जा रहा है। हर जगह ग्राम के पुजारे, पटेल व बड़वे द्वारा नींबू काटकर देशी दारू की धार डालकर मूर्ति को साल ओढ़ाकर परम्परागत तरीके से पूजा जा रहा है। यही नही छोटे बड़े कस्बे में बसने वाले व्यापारी और मुस्लिम, वाणी, माली, राठौर, बोहरा समाज द्वारा भी जगह जगह बैनर लगाकर भव्य स्वागत किया जा रहा है, जिससे आपसी सोहाद्र व भाईचारे को बढ़ावा मिल रहा है। एक ओर अयोध्या के फैसले से देशभर में तनावपूर्ण माहौल बनने की आशंका थी, वही इस आदिवासी बाहुल्य जिले के युवाओ ने आदिवासीयत को जिंदा रखने तथा उनकी संस्कृति व परम्परा के संरक्षण का जिम्मा उठाया है, और समाज के योद्धाओ का इतिहास परोसने का काम कर रहे है। जिले के कट्ठीवाड़ा में कल 15 नवम्बर को महामानव भगवान बिरसामुण्डा की मूर्तिस्थापना कर अलीराजपुर जिले में 1.5 वर्ष के अंदर ही 2 महान योद्धाओं की मूर्तिस्थापना दो विशेष दिन करने का इतिहास बन जाएगा जिसमे लाखों की संख्या में समाज जन शामिल होंगे।
इससे पहले 9 अगस्त 2018 को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जननायक टंटया मामा की मूर्तिस्थापना जिला मुख्यालय पर कर इतिहास बनाया था।

कार्यक्रम समिति के नितेश अलावा ने बताया कि इन दोनों कार्यक्रम की विशेषता ये है, की सामाजिक संगठन के बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वाराये मूर्तिस्थापना की गई, जिसमें पहले मूर्ति को रथयात्रा के माध्यम से जिलेभर में घुमाया गया ताकि जन-जन तक ये पैगाम चले जाएं की किसकी और क्यो मूर्तिस्थापना की जा रही है, वही मूर्तिस्थापना पूरी तरह से आदिवासी पंरपरा के तहत की गई जिसमें आदिवासी समाज के पटेल, पुजारा व बड़वे द्वारा भार बैठकर गायणा भी किया गया।
इस तरह से आदिवासियों को जिंदा रखने उनके इतिहास को परोसने के साथ सबको एक मंच पर लाने का अनोखा अंदाज सिर्फ अलीराजपुर के युवाओं ने कर दिखाया है, जिसकी तारीफ सभी समाज के लोग कर रहे है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम समिति ने सभी अधिकारी कर्मचारी, युवाओ, मजदूर, किसानों सभी से अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील की है।

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