डाकघर बदहाल, जर्जर भवन गिरने की कगार पर कभी भी हो सकता है हादसा

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भूपेंद्र बरमंडलिया, मेघनगर

मेघनगर पोस्ट ऑफिस भवन इन दिनों बदहाली के आंसू बहा रहा है वैसे तो केंद्र सरकार मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया की बात कर रही है लेकिन झाबुआ जिले के डाक विभाग की दुर्दशा देखकर नरेंद्र मोदी के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। डाक विभाग की जीर्णशीर्ण स्थिति अपनी दुर्दशा बयां कर रही है। लगभग 50 वर्ष पुराने किराए के इस भवन में 30 वर्षों से पोस्ट ऑफिस कार्यालय चल रहा है। बारिश होने पर हाल यह है कि पूरा भवन की छत से पानी टपक रहा है इसकी छत की गडर पत्थर की बनी होने के बाद बारिश का पानी छत और दीवारों में तक आता है जिससे कंप्यूटर,इलेक्ट्रॉनिक, मशीन और महत्वपूर्ण दस्तावेज भीग जाते है नुकसान से बचाने के लिए छत के नीचे स्थाई रूप से टीन के चद्दर भी डाल दी है लेकिन इस समस्या का हल निकलता हुआ नहीं नजर आ रहा है भवन के मुख्य द्वार पर ऊपर गैलरी भी खतरे का कारण बनी हुई उक्त दीवाल की हालत ऐसी है जिससे लगतार कई बार पूर्व में चोरी हो चुकी है। लगाकर स्टाफ के नाम पर भी यहां पर पोस्ट ऑफिस पोस्टमैन वर्तमान में एक पोस्ट मास्टर आए हैं।नाम मात्र का स्टाफ यहां कार्य कर रहा है। कार्य के दबाव के कारण कर्मचारी उपभोक्ता के भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ना ही नए बचत खाते खोले जा रहे हैं नाही टेलीफोन के बिल भरे जाते हैं,और ना ही इंटरनेट की सुविधा चालू है इतना ही नहीं आधार कार्ड बनाने की जो सुविधा है डाकघर में आम हितग्राहियों को दी है वह भी महीनों से बंद पड़ी है बाहर पड़ा जनरेटर धूल खा रहा है इस भवन के मालिक शीतल जैन भवन की जर्जर हालत देख पिछले कई वर्षों से बिल्डिंग को खाली कराने हेतु विधायक वीर सिंह भूरिया,नगर परिषद मेघनगर,पुलिसः थाना मेघनगर,कलेक्टर झबूआ व रतलाम इंदौर और केंद्र के कई डाक विभाग के अधिकारियों को आवेदन देकर अवगत करा चुके हैं। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

जिम्मेदारों को जनहानि का इंतजार

कुछ सालों पूर्व झाबुआ जिले के थांदला शहर में डाक विभाग की बिल्डिंग गिरने से लगभग 5 लोगों की मृत्यु हो गई थी।उन परिवार का आंसू पोछने वाला आज तक कोई नहीं है। क्या यही है सरकार की जिम्मेदारियां।आखिर क्यों प्रशाशन जनहानि होने वाली बिल्डिंग को खाली नहीं करते हैं। मेघनगर डाकघर के सामने कन्या शाला स्कूल है बिल्डिंग के पास में जैन समाज का स्थानक जिस वजह से उक्त बिल्डिंग के समीप आवाजाही काफी रहती है एवं कई लोग बारिशा धूप से बचने के लिए डाक विभाग के बरामदे में आकर खड़े हो जाते हैं शासन कब जागेगा यह बड़ा चिंता का विषय है।डाकघर की अव्यवस्था ओर उक्त बिल्डिंग में डाकघर चलने से नगर के हितग्राहियों में काफी रोष है।

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