कांतिलाल भूरिया ने बजट भाषण पर रेलमंत्री को घेरा

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झाबुआ। बुधवार को लोकसभा में रेल बजट पर बोलते हुए क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया ने रेल मंत्री को कटघरे में खड़ कर रेल समस्याओं के सामाधान पूर्वक हल नहीं होने तथा आदिवासी बहुल क्षेत्रों में लगातार रेल सुविधाओं की उपेक्षा करने पर सरकार को आड़े हाथों लिया। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद भूरिया ने क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को क्षेत्र की जीवन रेखा कहते हुए कहा कि इंदौर-दाहोद जिसकी लंबाई 201 किमी है तथा लागत 1640.04 करोड़ रुपए है लेकिन वर्ष 2016 तक मात्र 332 करोड ही व्यय हुआ है। धार-छोटाउदयपुर जिसकी लंबाई 157 किमी तथा लागत 1347.26 करोड़ रुपए है जिस पर मात्र 270 करोड़ रुपए अभी तक व्यय हुआ है एवं रतलाम-बांसवाड़ा जिसकी लंबाई 176.47 किमी है तथा लागत 1025 करोड़ रुपए है जिस पर मात्र 71 करोड़ रुपए ही व्यय हुआ है। इनके निर्माण में विलंब होने के कारण इनके शीघ्र निर्माण पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में रेलवे के लिए चार प्रमुख बातों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया था जो कि रेल सुरक्षा, केपिटल और विकास के कार्य, सफाई एवं वित्ते और लेखाओं में सुधार। लेकिन इसके विपरीत वर्ष 2016-17 में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई। अब तक की 8 रेल दुर्घटनाओं में 200 से भी अधिक लोगों की मृत्यु हुई। वर्ष 2012-13 में काकोडकर समिति का गठन किया गया था उस आधार पर 5 वर्षों के लिए 1 हजार करोड़ रूपए अर्थात प्रतिवर्ष के मान से 20 हजार करोड़ रुपए रेलवे सुरक्षा के लिए बजट में रखा गया इसके अतिरिक्त, 5 हजार करोड़ वित्त मंत्रालय द्वारा दिया जा रहा है इससे जाहिर होता है कि इस 5 हजार करोड़ रूपये जुटाने के लिए रेल किरायों में वृद्धि आवश्य्क रूप से की जाएगी। केपिटल और विकास कार्यो के अच्छे प्रबंधन के लिए सरकार कार्य करेगी लेकिन यह कैसे संभव होगा जबकि रेलवे को 8 हजार 500 करोड़ रूपए 7वें वेतन आयोग हेतु खर्च करने पडेंग़े। मजबूरी में सरकार को यात्री किराया और मालभाडे में वृद्धि की जाएगी। रेलों में सफाई के लिए 2019 तक सभी रेल गाडिय़ों में बायो-टायलेट बनाने की बात कही गई है। इन टायलेट को साफ करने और उनके भर जाने से जो गंदगी होगी उसे दूर करने के लिए कोई उपाय नही सुझाए गए है। जिससे रेलवे को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पडेगा और रेल यात्रियों की सुरक्षा का भारी खतरा उत्पन्न हो जाएगा। वित्त और वित्त प्रबंधन की खामियों की वजह से भारतीय रेल अगली एअर इंडिया साबित होगी जो कि भारी घाटे की वजह से सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रही है।
यह रखी सांसद भूरिया ने मांगे-
सांसद कांतिलाल भूरिया ने रतलाम में क्यूस ट्रेक बनने से इंदौर और अजमेर से डायरेक्ट लिंक बनेगी जिससे रेलवे को व्यवसाय में लाभ होगा। इंदौर रतलाम रेल लाइन का विद्युतीकरण किया जाना जरूरी है, क्यूर ट्रेक बनने से रतलाम के प्लेाटफार्म नंबर 6 पर भारी भीड कम होगी। रतलाम रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन की घोषणा को मूर्तरूप दिया जाए। मेघनगर में रेलवे ओवर ब्रिज को शीघ्र ही बनाया जाए तथा स्टेशशन पर मूलभूत सुविधाओं को बढाया जाए। जम्मूतवी एक्सप्रेस में प्रथम श्रेणी वातानुकूलित शयनयान लगाया जाए। बलसाड-हरिद्वार एक्सरप्रेस का ठहराव मेघनगर स्टेशन पर किया जाए। निजामुद्दीन-केरल एक्स्प्रेस का ठहराव रतलाम में दिया जाए। रतलाम स्टेनशन पर 12908 हजरत निजामुद्दीन से मुंबई सेंट्रल, 12932 हजरत निजामुद्दीन से त्रिवेन्द्रवम, 12218 चंडीगढ से कोच्ची वली, 12484 अमृतसर से कोच्ची वली, 22660 देहरादुन से कोच्चीरवली, 22922 अमृतसर से बांद्रा टर्मिनलस, 22414 हजरत निजामुद्दीन से मझगांव, 22922 कटरा से बांद्रा टर्मिनल्स, 12914 नई दिल्ली से बांद्रा टर्मिनल्स का ठहराव दिया जाए। सांसद भूरिया ने लोकसभा उपाध्यक्ष को रेल बजट पर बोलने का जो अवसर प्रदान किया है उसके लिए आभार व्यक्त करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उनके संसदीय क्षेत्र की तीनों महत्वपूर्ण नई रेल लाइनों को शीघ्र ही निर्माण किए जाने हेतु बजट में पर्याप्त बजट आवंटन किया जाए और जिन बाधाओं का उल्लेख उपर किया गया है उन्हें दूर कर समय सीमा में इन परियोजनाओं को पूरा किया जाए।