आकांक्षा इण्डेन गैंस के संचालक की अपील निरस्त; आयोग का उपभोक्ता के पक्ष में आदेश

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रझाबुआ Live डेस्क

मध्य प्रदेश राज्य उपाभोक्ता विवाद प्रतिपोषण आयोग भोपाल व्दारा एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हूए आकांक्षा इण्डेन गैंस ऐजेन्सी थांदला के प्रोपाईटर की और से आठ वर्ष पूर्व प्रेषित की गई अपील को निरस्त कर दिया गया और दस वर्ष पूर्व जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिपोषण फोरम झाबुआ के पारित आदेश को यथावत रखा है।

आयोग के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति शान्तनु केमकर तथा सदस्य प्रभात पाराशर व्दारा 20 मार्च 2020 को यह आदेश पारित किया गया । लेकिन कोरोना सम्पूर्ण बंद के कारण आदेश की प्रति उपभोक्ता को अब प्राप्त हुई है । पारित आदेश में बताया गया है कि प्रतिअपीलार्थी क्रांतिकुमार वैघ व्दारा फॉरम के समक्ष प्रस्तुत परिवाद में कहॉ गया था कि गैस कनेक्शन का सिलेण्डर रिफिलिंग के लिए 05 जनवरी 2010 को बुकिंग करायी गयी थी । गैस प्राप्त नही होने पर 27 जनवरी 2010 को रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजकर गैस सिलेण्डर भेजने हेतु ऐजेन्सी संचालक और एरिया मेनेजर तथा सेल्स ऑफिसर को भी पत्र प्रेषित कर अनुरोध किया गया था । लेकिन गैस की आपूर्ति नही की गई । इस पर 29 अप्रेल 2010 को फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्तुत कर सहायता चाही । अपीलार्थी आकांक्षा इण्डेन गैस के प्रोपाईटर कपील पाठक ने फोरम के समक्ष प्रस्तुत उत्तर में बताया की उपभोक्ता थांदला में नही रहता है । उज्जैन में भी गैस कनेक्शन है । इसलिये नियमानुसार थांदला में गैस कनेक्शन नही दिया जा सकता है । लिक्विफाईड पेट्रोलियम रेग्यूलेशन ऑफ सप्लाय एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन ) आर्डर 2000 के नियम तीन को हवाला दिया गया ।

लेकिन उपभोक्ता ने फोरम को बताया इस नियम में अपवाद का भी प्रावधान है । उज्जैन का गैस कनेक्शन उपभोक्ता क्रांतिकुमार वैघ को भारत सरकार के तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री व्दारा विशेष अधिकार के तहत दिया गया है । इस तथ्य को उसने गैस कम्पनी से भी छिपाया नही है। (जिला उपभोक्ता विवाद प्रतिपोषण फोरम झाबुआ के व्दारा पारित आदेश में स्पष्ट किया कि अपवाद स्वरूप उपभोक्ता दो गैस कनेक्शन रखने के लिये अधिकृत है)

आयोग के आदेश में कहा गया है उभयपक्षों को सुना गया । अभिलेख का अवलोकन किया गया । अपीलार्थी ने सेवा मे भी कमी की गई प्रतिअपीलार्थी (क्रांतिकुमार वैघ) ने फोरम के समक्ष इण्डियन ऑयल कम्पनी व्दारा दी गई जानकारी संबधी पत्र प्रस्तुत किए जिनसे फोरम ने यह निष्कर्ष निकाला की वर्ष 2011 में गैंस उपभोक्तओं को ग्यारह वर्ष तक गैस सिलेण्डर उनके घर नही पहॅॅूंचाने के सम्बंध में बडी अनियमितता का अपराध (दूसरी बार) करते हुए पाए जाने के कारण अपीलार्थी आकांक्षा गैस ऐजेन्सी के प्रोपाईटर पर रूपये पच्चीस हजार की पेनाल्टी भी लगाई जा चुकी है । अपीलार्थी ने फोरम के समक्ष कहे गये तथ्यों को दोहराया।

आयोग ने यथावत रखा जिला फोरम का पारित आदेश

उल्लेखनीय है कि जिला उपभोक्ता फोरम झाबुआ के व्दारा 12 जनवरी 2012 को पारित आदेश में आकांक्षा इण्डेन गैस ऐजेन्सी को दोषी पाया था । आदेश में तत्काल परिवादी को दो दिवस में गैस सिलेण्डर रिफलिंग कर परिवादी के निवास पर भरा हूआ गैस सिलेण्डर ले जाकर प्रतिवादी को दिया जाय । परिवादी को सेवा की कमी से हुई मानसिक त्रास की क्षतिपूर्ति हेतू रूपये पॉंच हजार प्रदान करने के साथ ही वाद व्यय हेतु रूपये दो हजार देने के आदेश दिए थे । यह राशि पन्द्रह दिन में अन्दर अदा करें अन्यथा इस आदेश दिनांक से वसूली दिनांक तक उक्त राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा ।

आयोग के आदेश में कहा गया है कि फोरम के आदेश को निरस्त करने के सम्बध मे कोई तार्किक आधार अपीलार्थी प्रस्तुत करने में असफल रहा है । अतः फोरम के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नही होता है । अतः यह अपील निरस्त की जाती है तथा फोरम व्दारा पारित आदेश दिनांक 12 जनवरी 2012 को यथावत रखा जाता है । अपीलार्थी की और से अभिभाषक दीपेश जोशी, एरिया मैंनेजर और सेल्स ऑफिसर की और से अभिभाषक आर के लोखण्डे तथा उपभोक्ता स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी एंव पत्रकार क्रांतिकुमार वैघ ने स्वयं पैरवी की ।