हमें नियमो से बांधकर हमारी ही अनदेखी की जा रही है, जो अब नहीं चलेगा : हेमराज गवली

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थांदला। पटवारी संवर्ग ने शासन की सभी योजनाओं को धरातल पर अमली जामा पहनाया है। कानून व्यवस्था के साथ विभिन्न कार्य समय पर किए जाते है फिर भी हमें नियमो से बांधकर हमारी ही अनदेखी की जा रही है जो अब नहीं चलेगा।

उक्त विचार पूर्व उप प्रांताध्यक्ष सेवानिवृत्त पटवारी हेमराज गवली ने व्यक्त किए। स्थानीय गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत भाषण मलसिंह डामोर ने दिया। सभी तहसीलों के अध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार, गोपाल जोशी, छतरसिंह मेरावत, आनन्द मेडा, नानूराम मेरावत आदि ने भी अपनी तहसीलों की मांगों ओर समस्याओं से मंच से सभी को अवगत करवाया, और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को उपस्थित सभी पटवारियों द्वारा बताए सुझाव और समस्याओं से ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाने का निर्णय लिया गया। पूर्व जिला उपाध्यक्ष पटवारी महेश व्यास असगर अली बोहरा महेश गढ़वाल ने कहा शासन की नियमावली के नियम कर्मचारी को कार्य करने के लिए है, जिन्हें बेवजह कर्मचारियों पर दबाव बनाने में उपयोग किया जा रहा है जो अब नही चलेगा। कार्यक्रम में हर्षिता मेडा और ज्योति डुडवे द्वारा स्वागत गीत,वालसिंग किराड़े ने “एक दिन बिक जाएगा” गीत पर प्रस्तुति दी। जिला संघर्ष समिति के श्री मलजी डामोर, रामसिंह डामोर, रूपसिंह भूरिया, अशरफ कादरी,ठाकुर सिंह भूरिया,गीता मंडोड़ आदि ने वर्तमान समस्याओं और व्यावहारिक कठिनाइयों के बारे में विस्तार से बताया। जिला संघर्ष समिति ने बहुचर्चित निलंबन पटवारी मोहम्मद अशरफ कादरी एवं पटवारी रूप सिंह भूरिया के निलंबन एवं बहाली तक एसडीम थांदला द्वारा दुर्भावना पूर्वक अपनाई गई प्रक्रिया के लिए निंदा प्रस्ताव रखा गया एवं अन्य तहसीलों में निलंबन किए गए पटवारी के संबंध में घोर निंदा की गई पटवारी संघ जिलाध्यक्ष अखिलेश मुलेवा ने कहा सब निश्चिंत होकर समयसीमा में शासकीय कार्य बिना किसी दबाव के करे , कोई भी अनुचित कार्यवाही यदि किसी पटवारी पर की जाती है तो पूरा जिला संघ उनके साथ सदैव डटकर खड़ा रहेगा ,अन्याय बर्दाश्त नही किया जाएगा।कार्यक्रम का कुशल संचालन यश रामावत ने और आभार श्याम सिंह मेडा ने किया। तहसील मेघनगर ओर थांदला पटवारी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिले के शत -प्रतिशत पटवारी उपस्थित रहे, गीता मंदौड़ और साथियों ने पारम्परिक नृत्य की प्रस्तुती दी ,अंत मे जिले से 11 स्थानांतरित पटवारियों को शाल श्रीफल के साथ विदाई दी गई।