स्कूली बालिकाओं को एसपी ने दी बालिका सशक्तिकरण शिक्षा-सुधार व सुरक्षा संबंधी जानकारी

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
कम उम्र में बालिकाओं का विवाह व कम उम्र में भागकर शादी करना व अपने पति के साथ किसी अंजान शहर में मजदूरी कर बसेरा करने वाली बालिकाएं स्वयं अपने आप को कमजोर बनाती है इस सोच को बदलकर कम से कम 18 वर्ष की उम्र तक पढ़ाई कर शिक्षित व योग्य लडक़े से विवाह कर अपना व अपने भविष्य का जीवन संवार सकती हैै। किसी मनचले से अगर आप परेशान है तो निर्भया नंबर का प्रयोग कर अपनी सुरक्षा भी कर सकती है। उक्त उद्बोधन बालिका सशक्तिकरण, शिक्षा एवं सुरक्षा महाअभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्थानीय शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पुलिस अधीक्षक महेशचन्द्र जैन ने कहे। उन्होंने स्कूल में उपस्थित शिक्षिकाओं का उदाहरण देकर बताया कि आपकी जो शिक्षिकाएं वह भी पढ़ लिखकर यहां तक पहुंची तथा परिवार का मजबूत आधार स्तंभ बनी हुई है, जिन्हे उनके पति परमेश्वर भी कभी डांटते फटकारते नहीं है। इसके विपरीत ग्रामीण महिलाएं रोजगार हेतु जहां-तहां पलायन करती है तथा प्रतिदिन लगभग 8 घंटे मजदूरी करने के बाद भी प्रतिमाह अधिकतम 9 हजार रुपए ही कमा पाती है। इन्ही महिलाओं की तरह आपकी शिक्षिकाएं मात्र 6 घंटे अध्यापन का कार्य कराती तथा प्रतिमाह इन्हें औसतन 6 दिन का अवकाश भी मिल जाता है और इन्ही शिक्षिकाओं का वेतन मजदूरी से 5 गुना अधिक होता है पुलिस अधीक्षक अपने साथ महिला पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को लेकर भी आए थे, जिनका उदाहरण देते हुए बताया कि यह सभी महिला पुलिसकर्मी अनुसूचित जनजाति से ही है। यह लोग पढ़-लिख कर आज इस स्थिति में पहुंचे है। आप इनके जैसे बन सकते है या इनसे भी बड़े अधिकारी बन सकते है। जैन ने कहा कि यदि पढ़ाई छोडऩे के बाद कोई लडक़ी शादी करती है अथवा किसी के बहकावे में आती है तो नाबालिग उम्र में ही मां बन जाती है और उसके बच्चे भी आने वाले समय में अल्प शिक्षित या अशिक्षित ही होंगे व कम उम्र में मा बनने वाली महिलाओं के बच्चे ही कुपोषण के शिकार होते है। लड़कियों को किसी मनचले के बहकावे में नही आना है तथा कम से कम 18 वर्ष की उम्र तक पढऩा है, उसके बाद ही शादी करना है। एसपी जैन ने कहा कि हमारे जिले में आदिवासी महिला अधिकारी है, जो पढ़ लिखकर आज शासकीय सेवक के रूप में कार्य कर रही है। आप लोग बढ़े होकर जनप्रतिनिधि भी बन सकते है। यदि पढ़े और समझदार रहे तो आप अपना काम स्वयं करेंगे अन्यथा आपके कार्य आपके पति को निपटाना पड़ेंगे और जरूरत पडऩे पर जेल आपको जाना होगा। कार्यक्रम पश्चात पुलिस अधीक्षक ने बालिकाओं को कम से कम 18 वर्ष तक पढ़ाई करने की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम के दौरान मंंतशा रियाज खान ने आयोजित कार्यक्रम तथा पुलिस अधीक्षक के संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए बालिकाओं से मेहनत कर पढ़ाई करने की अपील की। एक अन्य बालिका खुशी भाबोर ने भी बालिकाओं को लक्ष्य साधकर पढ़ाई करने की बात बताई। अवसर पर एसडीओपी एनएस रावत, बीईओ एवं प्राचार्य ख्रिस्तीना डोडियार, थाना प्रभारी एसएस बघेल समेत स्कूल स्टाफ, मीडियाकर्मी एवं बडी सख्यां में छात्राएं मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक अब्दुल हक खान ने व आभार प्रधानध्यापिका जयश्री शर्मा ने माना।